छत्तीसगढ़

बिलासपुर रेल हादसे की जांच शुरू: प्राथमिक जांच में लोको पायलट की गलती आई सामने, केस दर्ज

रायपुर। बिलासपुर के समीप मंगलवार की शाम को 4 बजकर 10 मिनट पर अप लाइन में कोरबा से बिलासपुर आ रही लोकल ट्रेन कोयला से लदी खड़ी मालगाड़ी से टकरा गई थी। यह टक्कर इतनी जबरदस्त थी कि सामने का ब्रेक यान, गार्ड डिब्बा, इंजन सहित महिला और दो अन्य कोच मालगाड़ी के ऊपर चढ़ गए, जिसमें नीचे का हिस्सा कोच के नीचे लटका रहा। इस टक्कर के कारण लोकल ट्रेन का चालक विद्यासागर ब्रेक यान और दूसरे उपकरण में बुरी तरह से दब गया।

हादसे में महिला असिस्टेंट लोको पायलट रश्मि सिंह को गंभीर चोट पहुंची है। चालक और सहायक चालक के साथ महिला और दूसरे कोच में सफर कर रहे यात्रियों में मौके पर 6 से अधिक यात्री कोच के स्लीपर, प्लाई और बर्थ के नीचे दबकर मर गए। वहीं देर रात तक मृतकों की संख्या 6 से बढ़कर 11 में पहुंच गई। मृतकों में किसी के हाथ किसी के पैर कटकर दूर तक फेंका गए थे। मैके पर मौजूद बिलासपुर डिवीजन के सीनियर डीसीएम अनुराग कुमार सिंह सहित अन्य अफसर व स्टाफ ने मृतकों के शरीर के हिस्सों को एक स्थान पर लाने के उपरांत पोस्टमार्टम के लिए जिला अस्पताल और सिम्स भेजा।

अधिकारियों ने किया निरिक्षण
लालखदान के पास हावड़ा मुम्बई मुख्य मार्ग पर चार खंभों 71420 से लेकर 714/24 के बीच मालमाड़ी और लोकल ट्रेन का हादसा हुआ था। हादसे के दूसरे दिन जांच करने के लिए नागरिक उड्डयन मंत्रालय के अधीन दक्षिण पूर्व सर्किल कोलकाता के रेल सुरक्षा आयुक्त बीके मिश्रा सुबह जाय करने के लिए बिलासपुर पहुंचे। वे विलासपुर डिवीजन के अधिकारियों के साथ पहले गतौरा स्टेशन पहुंचे गतौरा से लालखदान तक्त ट्राली वैन से जाकर उन्होंने चार खंभों के बीच चारों लाइन के साथ दुर्घटनाग्रस्त कोच का निरीक्षण किया। दो घंटे तक लाइन और सिग्नल सहित अन्य जांच करने के साथ अधिकारियों से चर्चा की और ट्राली वैन से बिलासपुर स्टेशन की ओर रवाना हो गए।

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सीआरएस ने शुरू की जांच
सीआरएस ने लोकल और मालगाड़ी के बीच टक्कर हुई रेल लाइन की जांच कराई। इस दुर्घटनाग्रस्त हुए कोच को देखा, जिसके ऊपर बाए वैन का पहिया भी चढ़ा हुआ था। दो घंटे तक जाच और अधिकारियों से चर्चा करने के बाद सीआरएस बिलासपुर रेल मंडल की ओर रवाना हो गए। एक साल के अंतराल में बिलासपुर रेल मंडल में दो बड़ी दुर्घटना हो गई है। पहली दुर्घटना पिछले वित्तीय वर्ष के दौरान नवम्बर दिसम्बर माह में खोगसरा अववारटंक के बीच कोयले से लोडेड मालगाड़ी के बेपटरी होने के कारण रेल प्रशासन को करोड़ों रुपए का नुकसान हुआ था। इसकी जांच करने के लिए रेल मंत्रालय ने आयुक्त रेल सेपटी बीके मिश्रा को जिम्मेवारी दी थी जिसकी जांच पिछले एक वर्ष में कम्पलीट नहीं हो सकी है।

गलत सिग्नल देखकर चलाई गाड़ी
प्रारंभिक जांच में बताया जा रहा है कि गलत सिग्नल वाली लाइन में लोकल ट्रेन चलाने की वजह से यह भीषण हादसा हुआ है। लोकल ट्रेन के चालक ने गलत सिग्नल देखकर उस लाइन पर गाड़ी चला दी. जिसके कारण लोकल खड़ी कोयला लोडेड मालगाड़ी के ऊपर चढ़ गई। प्रारमिक जांच के दौरान रेल अफसरों को यह जानकारी मिली है। अतौरा से लाल खदान के बीच रेल लाइन घुमावदार है. जिसके कारण समयत चालक को सिग्नल देखकों में परेशानों हुई। इधर पुलिस ने मृत लोको पायलट के खिलाफ जुर्म दर्ज किया है। हादसे के बाद सीआरएस ने मामले की जांच शुरू की है।

मौके पर डटे रहे अधिकारी
सूत्रों के अनुसार, प्रारंभिक पूछताछ और जांच के दौरान उच्चाधिकारियों को यह जानकारी मिली है कि चालक और सहायक चालक जिस लाइन पर लोकल ट्रेन लेकर आ रहे थे। किसी के पैर कटकर दूर तक फेंका गए थे। मौके पर मौजूद बिलासपुर डिवीजन के सीनियर डीसीएम अनुराग कुमार सिंह सहित अन्य अफसर व स्टाफ ने मृतकों के शरीर के हिस्सों को एक स्थान पर लाने के उपरात पोस्टमार्टम के लिए जिला अस्पताल और सिम्स भेजा। इस दौरान अधिकारी मी देर रात तक तक लाइन को व्यवस्थित करने के साथ यात्रियों को सही सलामत बाहर निकालने में डटे रहे।

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