राज्योत्सव के अवसर पर राज्य के किसानों को 1500 करोड़ रूपए की सौगात
- मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल जारी करेंगे राजीव गांधी किसान न्याय योजना की तीसरी किश्त की राशि
रायपुर
मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल एक नवम्बर को राज्य स्थापना दिवस के अवसर पर राज्य के किसान भाईयों के खाते में 1500 करोड़ रूपए की राशि जारी करेंगे। यह राशि राजीव गांधी किसान न्याय योजना की तीसरी किश्त के रूप में दी जाएगी। दीवाली पर्व के ठीक पहले राज्य के 21 लाख किसानों को 1500 करोड़ रूपए मिलने से उनकी दीवाली की खुशियां दोगुनी हो जाएंगी। एक नवम्बर को कृषकों को राजीव गांधी किसान न्याय योजना के तहत तीसरी किश्त की राशि जारी करने की सभी तैयारियां पूरी हो गई है। इसको मिलाकर राज्य के कृषकों को कुल 4548 करोड़ रूपए की राशि मिल जाएगी।
यहां यह उल्लेखनीय है कि राजीव गांधी किसान न्याय योजना के तहत राज्य में फसल उत्पादकता एवं फसल विविधिकरण को बढ़ावा देने के लिए आदान सहायता राशि दिए जाने का प्रावधान खरीफ वर्ष 2019 से लागू किया गया है। वर्ष 2019 में धान एवं गन्ना के उत्पाद 19 लाख किसानों को 5702 करोड़ 13 लाख रूपए की राशि जारी की गई थी। वर्ष 2020 में धान एवं गन्ना के उत्पादक कृषकों को योजना के तहत चार किश्तों में आदान सहायता राशि प्रदान की जा रही है। धान एवं गन्ना उत्पादक कृषकों को प्रथम किश्त की राशि 1525 करोड़ 97 लाख रूपए का भुगतान 21 मई 2021 को तथा द्वितीय किश्त की राशि 1522 करोड़ 03 लाख रूपए का भुगतान 20 अगस्त 2021 को किया जा चुका है। तीसरी किश्त के रूप में धान उत्पादक कृषकों को 1500 करोड़ रूपए का भुगतान एक नवम्बर 2021 को किया जाएगा।
राजीव गांधी किसान न्याय योजना के जरिए राज्य के किसानों को दी जा रही आदान सहायता के चलते खेती किसानी समृद्ध हुई है। राज्य में खेती-किसानी का रकबा और किसानों की संख्या में वृद्धि हुई है। खेती छोड़ चुके लोगों का भी रूझान खेती की ओर बढ़ा है। इसकों देखते हुए राज्य सरकार द्वारा राजीव गांधी किसान न्याय योजना के दायरे का विस्तार किया गया है। अब इस योजना में खरीफ की समस्त फसलों के साथ-साथ उद्यानिकी फसलों को भी शामिल किया गया हैं। खरीफ फसलों और उद्यानिकी फसलों के उत्पादक कृषकों को भी अब आदान सहायता राशि प्रदान की जाएगी। धान के बदले अन्य फसलों की खेती करने वाले किसानों को प्रति एकड़ के मान से 10 हजार रूपए की आदान सहायता तथा वृक्षारोपण करने वाले किसानों को आगामी तीन वर्ष तक प्रति एकड़ के मान से 10 हजार रूपए देने का प्रावधान किया गया है।