छत्तीसगढ़ में बारिश के साथ जमकर ओलावृष्टि, खेतों और सड़कों में बिछी बर्फ की चादर, सब्जियों की फसल बर्बाद
कवर्धा
मौसम बदलते ही कबीरधाम जिले सहित पूरे छत्तीसगढ़ में मंगलवार को बारिश के साथ जमकर ओले भी बरसे। जिले के पिपरिया के मैदानी क्षेत्र में बर्फबारी सा नजारा दिखाई दिया। ओलावृष्टि से सड़क से लेकर घर और खेतों पर चारों ओर बर्फ की सफेद चादर बिछ गई। मौसम विभाग की ओर से पूर्व में ही कोहरा, बारिश और ओला की चेतावनी दी गई थी जो सही साबित हुई। पंडरिया ब्लॉक के वनांचल में सोमवार की शाम को बारिश हुई। इसके बाद मंगलवार की सुबह से वनांचल से लेकर मैदानी क्षेत्र तक कोहरा छाया रहा, जिसके कारण सूर्य के दर्शन दुर्लभ रहे। वहीं दोपहर करीब 2.30 बजे से हल्की बारिश हुई।
पिपरिया उपतहसील क्षेत्र के ग्राम झलमला, गोपालभावना, डेहरी, खपरी, नवघटा, मोहगांव, दलपुरुवा, खैरझिटी, गांगपुर, दरगवां, खम्ही, पिपरिया, परसवारा, पालीगुढ़ा सहित उक्त क्षेत्र में जमकर ओले बरसे। करीब एक घंटे तक ओले बरसते रहे। इसके कारण सड़क, आंगन और खेत पूरी तरह से बर्फ से ढक गए थे। चारों ओर केवल बर्फ का नजारा दिखाई दिया। वहीं शाम को सावन की तरह जमकर डेढ़ घंटे तक मूसलाधार बारिश हुई। बुधवार भी मौसम की झड़ी से बादल भी गरजे और बिजली भी चमक रही है। बारिश भी लगातार हो रही है।
पिपरिया उपतहसील क्षेत्र में पहली बार इस तरह से ओले बरसे हैं। इससे के चलते युवाओं ने इसका खूब आनंद लिया। लेकिन दूसरी ओर फसलों को काफी नुकसान पहुंचा है। मुख्य रूप चना, अरहर और सब्जी की फसल तो इस क्षेत्र के लगभग ओलावृष्टि से नष्ट ही हो गए। वहीं अन्य क्षेत्रों में बारिश से किसानों को लाखों रुपए का नुकसान हो चुका है। वहीं उपार्जन केंद्रों में भी सुरक्षा के इंतजाम नहीं होने के कारण धान पूरी तरह से भीग गए। बारिश की संभावना न के समान थी जिसके चलते ही सुरक्षा व्यवस्था नहीं की थी।
बेमौसम बारिश और कुछ जगहों में ओलावृष्टि को लेकर कृषि विभाग के उपसंचालक एमडी डड़सेना ने बताया कि जिले के जिन बीमित किसानों की फसलों को ओलावृष्टि या अधिक वर्षा से नुकसान हुआ है वे टोल फ्र ी नंबर 18002095959 में शिकायत दर्ज करा सकते हैं। 72 घण्टे के भीतर कॉल करना अनिवार्य है। सूचना प्राप्त होने पर राजस्व एकृषि विभाग और बीमा कम्पनी द्वारा संयुक्त रूप से सर्वे कर स्थानीय जोखिम अंतर्गत लाभान्वित किया जाएगा। उन्होंने बताया कि जिले में रबी सीजन में 22 हजार 783 किसानों ने 32 हजार 104 हेक्टेयर रकबा में गेहूं और चना का बीमा कराया है।\
बारिश होते ही बिजली गुल होने की भी समस्या शुरू हुई। दोपहर को करीब आधे से घंटे तक कवर्धा में बिजली गुल रही। जबकि शाम को मूसलाधार बारिश हुई तब एक घंटे से अधिक समय तक बिजली बंद रहा। आसमान पर काली घटा छाने के कारण शाम 5 बजे से ही अंधेरा छा गया था, इस पर बिजली गुल हो गई। इससे चारों ओर अंधेरा छा गया। वहीं पंडरिया ब्लॉक के कई वनांचल क्षेत्र में तो रातभर बिजली गुल रही।