छत्तीसगढ़ में मौसम का बदला मिजाज: पेड़ टूटे, सड़क मार्ग हुआ प्रभावित
रायपुर
बिलासपुर और सरगुजा संभाग के बड़े हिस्से में तेज आंधी के साथ बरसात हुई है। इसकी वजह से पेड़ टूटें हैं। कच्चे घरों के छप्पर उड़ गए। वहीं पेड़ गिरने से भी घरों को नुकसान पहुंचा है। कई दूसरे जिलों में भी तेज हवाएं चली हैं। एक दिन पहले भी बिलासपुर-सरगुजा के कई जिलों में आंधी आई थी। गौरेला-पेण्ड्रा-मरवाही जिले में आंधी से नुकसान की खबर है। पेण्ड्रा से कोरबा-मनेंद्रगढ़ जाने वाली मुख्य सड़क पर अड़भार और बंधी गांव के पास कई पेड़ गिर गए। इसकी वजह से इस सड़क पर रास्ता काफी देर तक बंद हो गया था। पेड़ों के घरों पर गिर जाने भी नुकसान हुआ है। कई जगह तक कारों पर भी पेड़ और छप्पर गिर गए। इसकी वजह से लोगों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ा। इन इलाकों में हल्की बरसात भी हुई है। आंधी और बरसात की वजह से पेण्ड्रा और आसपास के तापमान काफी कम हुआ है। शनिवार को पेण्ड्रा का अधिकतम तापमान जगदलपुर से भी कम हो गया था। वहां अधिकतम तापमान 39.9 डिग्री सेल्सियस मापा गया है। वहीं अब तक सबसे कम तापमान का रिकॉर्ड रखने वाले जगदलपुर में यह 40.7 डिग्री सेल्सियस तक पहुंच गया। अंबिकापुर में 41.1 और रायपुर में अधिकतम तापमान 42.6 डिग्री सेल्सियस रहा। शनिवार को सर्वाधिक 45.5 डिग्री सेल्सियस तापमान मुंगेली में दर्ज किया गया है। मौसम विभाग के मुताबिक शनिवार को एक स्थानीय सिस्टम बना हुआ था। इसमें पश्चिम मध्य प्रदेश से झारखंड तक एक पूर्व-पश्चिम द्रोणिका फैली हुई है। इसके प्रभाव से प्रदेश के एक-दो स्थानों पर हल्की बरसात हुई है। अगले दो दिनों में प्रदेश के अधिकतम तापमान में दो से तीन डिग्री सेल्सियस तक का इजाफा हो सकता है। बताया जा रहा है, इस साल मई में झुलसाने वाली गर्मी पड़ सकती है। अभी तक मौसम अप्रैल के अंतिम दिन के रिकॉर्ड जितना गर्म भी नहीं हुआ है। उस दिन अधिकतम तापमान 46.9 डिग्री तक पहुंच गया था। मई का औसत अधिकतम तापमान 43 डिग्री सेल्सियस के आसपास बना हुआ है। वहीं ठंडी हवाओं की वजह से रात को भी उमस से थोड़ी राहत मिली है। 15 मई के बाद दिन की गर्मी बढ़ती जाएगी। इसकी वजह से रात में भी उमस बढ़ सकती है।