20 सालों से नक्सल संगठन में सक्रिय 5 लाख की इनामी महिला नक्सली कमांडर ने किया सरेंडर
बीजापुर
5 लाख रुपए की हार्डकोर इनामी महिला माओवादी ने सरेंडर किया है। माओवादी पिछले 20 सालों से नक्सल संगठन में सक्रिय रहकर काम कर रही थी। जानकारी के मुताबिक, महिला माओवादी का नाम सोमली सोढ़ी उर्फ वनिता (32) है। यह बीजापुर जिले की ही रहने वाली है। साल 2003 में गंगालूर एरिया कमेटी LOS कमांडर हरिराम माड़वी ने इसे PLGA सदस्य के रूप में संगठन में भर्ती किया था। जिसके बाद 2004 में गंगालूर से बदली कर मद्देड़ एरिया कमेटी इंचार्ज DVCM प्रसाद के टीम में काम करने के लिए भेज दिया गया। वहां एरिया कमेटी इंचार्ज मोहन ने पार्टी सदस्य के रूप में पदोन्नत किया गया। वर्तमान में LOS (लोकल ऑब्जर्वेशन स्क्वायड) कमांडर के पद पर सक्रिय थी। वहीं रानी बोदली की घटना में शामिल रही है। इस घटना में 55 जवान शहीद हुए थे। CG राज्य गठन के बाद जवानों पर हुआ यह पहला सबसे बड़ा नक्सली हमला था। पुलिस के अनुसार माओवादियों की खोखली विचारधारा से तंग आकर इसने हथियार डाल दिए हैं। फिर साल 2005 में मद्देड़ एरिया कमेटी सचिव ज्योतिक्का ने पेद्दाकोवाली LOS डिप्टी कमांडर का पद सौंपा। वहीं साल 2006 में मद्देड़ एरिया कमेटी डॉक्टर टीम अध्यक्ष के पद पर संगठन में काम किया। जिसके बाद साल 2007 में जनवरी से मार्च तक 11 नं प्लाटून बी सेक्शन डिप्टी कमांडर के पद पर संगठन में ही कार्य करती रही। महिला माओवादी की फुर्ती देखकर संगठन के बड़े कैडर्स लगातार इसे नई जिम्मेदारी देते रहे। साल 2018 से 2021 तक नागारम LOS कमांडर के पद पर सक्रिय रही। कई बड़ी वारदातों को अंजाम दिया है।
इन घटनाओं में थी शामिल
साल 2004 में आवापल्ली से ईलमिड़ी सड़क सुरक्षा में लगे जवानों पर फायरिंग करने की घटना में शामिल रही है।
साल 2005 में बीजापुर से आवापल्ली टी पाइंट में पुलिस की बाइक पेट्रोलिंग पार्टी पर फायरिंग करने की घटना में शामिल रही।
साल 2006 में बीजापुर से आवापल्ली टी पाइंट में IED विस्फोट कर पुलिस पार्टी पर फायरिंग करने की घटना में शामिल थी।
साल 2007 में रानी बोदली कैंप पर हमला करने की घटना में शामिल।
2008 में थाना गंगालूर क्षेत्रांतर्गत ग्राम कोरचोली में पुलिस पार्टी पर फायरिंग करने की घटना में शामिल थी।
2011 में थाना भेज्जी में भवन निर्माण की सुरक्षा ड्यूटी पर लगे पुलिस पार्टी पर फायरिंग करने की घटना में शामिल थी।
साल 2017 में थाना कोंटा, किस्टारम और चिंतागुफा में CRPF पार्टी पर फायरिंग करने की घटना में शामिल थी।
2007 में हुई थी रानी बोदली की घटना
साल 2007 में बीजापुर जिले के रानी बोदली में पुलिस कैंप पर माओवादियों ने हमला किया था। जवानों को चारों तरफ से घेर लिया था। नक्सलियों ने ताबड़तोड़ फायरिंग करनी शुरू कर दी थी। जिसका जवानों इस भी मुंहतोड़ जवाब दिया था। हालांकि दोनों तरफ से हुई गोलीबारी में 55 जवान शहीद हो गए थे। यह छत्तीसगढ़ राज्य गठन के बाद पहला सबसे बड़ा नक्सली हमला था।