छत्तीसगढ़

सोशल मीडिया पर तहसीलदारों का व्हाट्सएप चैट्स वायरल… हड़ताल के बीच ‘नारियल’ और ‘किलो’ की चर्चा

रायपुर। 17 सूत्रीय मांगों को लेकर प्रदेशभर के तहसीलदारों और नायब तहसीलदारों के जारी प्रदर्शन के बीच सोशल मीडिया पर व्हाट्सएप चैट्स वायरल हो रही हैं। इसमें तहसीलदारों के बीच प्रमोशन के लिए ‘नारियल’ और ‘किलो’ जैसे कोड वर्ड में बात हो रही है। हालांकि वायरल चैट्स को छत्तीसगढ़ कनिष्ठ प्रशासनिक सेवा संघ के प्रांताध्यक्ष कृष्ण कुमार लहरे ने अफवाह बताया है।

वायरल स्क्रीनशॉट में जिस ग्रुप का नाम ‘50-50’ दिख रहा है, उसमें ‘Tehsildar’ और ‘Sir Tehsildar’ जैसे नाम सामने आए हैं। हालांकि यूज़र्स के असली नामों को छिपाया गया है, लेकिन ग्रुप की बातचीत गंभीर सवाल खड़े कर रही है। चैट में ‘नारियल’ और ‘किलो’ जैसे कोडवर्ड्स का इस्तेमाल कर कलेक्शन की चर्चा की जा रही है। ‘नारियल’ को मंत्री और सचिव तक ‘प्रसाद’ के रूप में चढ़ाने की बात कही गई है। एक जगह उल्लेख है कि राजस्व विभाग से 1 वर्ष की छूट से जुड़ी एक फाइल आगे बढ़ी है, और उसी के संदर्भ में ‘प्रसाद चढ़ाने’ की योजना बनाई जा रही है।

वायरल बातचीत में तहसीलदारों द्वारा कैबिनेट बैठक से पहले ‘नारियल’ पहुंचाने की बात कही गई है। इतना ही नहीं, यह भी कहा गया है कि अगर ‘नारियल’ और ‘किलो’ समय पर डिलीवर नहीं किए गए, तो उन्हें दो साल जूनियर बनकर रहने जैसी स्थिति का सामना करना पड़ सकता है। चैट में कुछ तहसीलदार “मौके का फायदा उठाने” की बात भी कर रहे हैं, जो मामले को और संदिग्ध बनाता है।

इस मामले में छत्तीसगढ़ कनिष्क प्रशासनिक सेवा संघ के प्रांताध्यक्ष कृष्ण कुमार लहरे ने कहा कि ये केवल अफवाह है। मैनें तहसीलदारों से व्यक्तिगत रूप से बातचीत की है। ऐसी कोई बात नहीं है। उन्होंने कहा कि जब-जब ऐसे बड़े आंदोलन होते है तो इस प्रकार के मेसेज वायरल होते है, लेकिन सच्चाई यह है कि ऐसा कुछ भी नहीं हुआ है।

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बता दें कि छत्तीसगढ़ कनिष्ठ प्रशासनिक सेवा संघ के बैनर तले प्रमोशन समेत विभिन्न मांगों को लेकर तहसीलदार और नायब तहसीलदार हड़ताल पर हैं। संघ की मुख्य मांगों में डिप्टी कलेक्टर पद पर पदोन्नति के अनुपात को पूर्व की भांति 50:50 करना। पूर्व मांग और घोषणा अनुसार नायब तहसीलदार के पद को राजपत्रित करना, प्रत्येक तहसील में स्थायी स्टाफ, शासकीय वाहन, ड्राइवर एवं ईंधन की उपलब्धता, न्यायिक मामलों में न्यायिक अधिकारी संरक्षण अधिनियम का अनुपालन और सुरक्षा सहित 17 सूत्रीय मांगें शामिल हैं।

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