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धर्म परिवर्तन का खेल: गेमिंग एप से लेकर इंस्टा रील्स और यूट्यूब तक, जानें इस षडयंत्र के पीछे की पूरी कहानी

गाजियाबाद

देश में धर्म परिवर्तन का मामला गर्म है। अब तक केरल समेत देश के कई राज्यों में लव-जिहाद का मामला सामने आ रहा था। अब नए तरह से धर्मांतरण कराने का खुलासा हो रहा है। पिछले दिनों ऐसा ही एक गिरोह गाजियाबाद से पकड़ा गया है। ये ऑनलाइन गेमिंग की आड़ में बच्चों और युवाओं का धर्मांतरण कराते थे। इस गिरोह का दायरा देश के छह राज्यों तक फैला हुआ है। भगोड़े जाकिर नाइक से भी इसके तार जुड़ रहे हैं। पाकिस्तान से भी फंडिंग मिलने की बात सामने आई है। इस मामले में कई खुलासे हो चुके हैं। आइए जानते हैं कैसे धर्म परिवर्तन का ये खेल चल रहा था? युवाओं और बच्चों को कैसे इसके जरिए निशाना बनाया जा रहा था?

पहले जानिए पूरा मामला
गाजियाबाद में एक गिरोह का भंडाफोड़ हुआ। खुलासा गाजियाबाद के राजनगर में रहने वाले एक उद्यमी की शिकायत पर हुआ। उद्यमी के 17 साल के बेटे ने इस्लाम कबूल कर लिया था। वह घर में झूठ बोलकर पांचों वक्त की नमाज पढ़ने जाता था। पिता को शक हुआ तो उन्होंने बेटे का पीछा किया। इसके बाद मालूम चला कि उनका बेटा मस्जिद में जाकर नमाज पढ़ता है। बेटे से जब उन्होंने पूछताछ की तो उसने इस्लाम कबूलने की बात स्वीकार की। उद्यमी ने तुरंत इसकी शिकायत पुलिस में की।

चार जून को गाजियाबाद पुलिस ने इस केस में मस्जिद के मौलवी अब्दुल रहमान को गिरफ्तार किया। पूछताछ और जांच में पता चला कि ऑनलाइन गेमिंग एप फोर्ट नाइट और डिस्कार्ड के जरिए इस लड़के का ब्रेनवॉश किया गया था। पहले इस गेम में उसे हराया गया, फिर जिताने के लिए कुरान पढ़ने को कहा गया।

जब उसने कुरान पढ़नी शुरू कर दी तो सामने वालों ने उसे जिताना शुरू कर दिया। इसके बाद युवक को लगा कि कुरान पढ़ने से जीत रहा हूं। फिर उसकी इस्लाम के प्रति भरोसा बढ़ता गया। इसके बाद वो मस्जिद में नमाज पढ़ने जाने लगाया।

पुलिस की अब तक की जांच में सामने आया है कि ये गिरोह केवल यूपी नहीं, बल्कि देश के कई राज्यों में फैला हुआ है। इसके तार भगोड़े जाकिर नाइक से लेकर पाकिस्तान तक से जुड़ चुके हैं। इसमें मुंबई के खान शहनवाज मकसूद उर्फ बद्दो का नाम सामने आया। अभी ये फरार चल रहा है।

ये भी मालूम चला है कि महाराष्ट्र में 300 से 400 लोगों का ऑनलाइन धर्मांतरण हुआ है। गाजियाबाद पुलिस को गुजरात के एक शख्स ने इससे जुड़ी कई अहम जानकारियां साझा की हैं। पुलिस के हाथ कई वीडियो और ऑडियो भी लगे हैं।

मध्यप्रदेश में भी एटीएस ने पिछले महीने धर्मांतरण गैंग के 16 लोगों को पकड़ा था। ये सब भी अलग-अलग तरह से धर्मांतरण करा रहे थे। पुलिस की जांच में सामने आया है कि ये गैंग यूपी, महाराष्ट्र, मध्य प्रदेश के साथ-साथ केरल, कर्नाटक, तेलंगाना, दिल्ली जैसे राज्यों में भी फैला हुआ है।

कैसे-कैसे कराते हैं धर्मांतरण?

  1. गेमिंग एप के जरिए: अब तक जांच के मुताबिक ऑनलाइन गेमिंग एप फोर्ट नाइट और डिस्कार्ड चलता है। इसका सोशल मीडिया के जरिए प्रचार किया जाता है। इसमें इनाम जीतने का लालच दिया जाता है। इस तरह के कई गेमिंग एप इन दिनों खूब सोशल मीडिया पर चल रहे हैं।

इसे गूगल प्ले-स्टोर के जरिए नहीं, बल्कि सीधे वेबसाइट के जरिए डाउनलोड कराया जाता है। इस गेमिंग एप पर सक्रिय गैंग हिंदू नामों से आईडी बनाकर गेम खेलते थे। जब गेम यूजर्स इस्लाम में अपनी आस्था दिखाने लगते थे तो फिर ये गैंग उसको कट्टर बनाते थे। इसके लिए प्रतिबंधित इस्लामिक स्कॉलर जाकिर नाइक के वीडियो स्पीच सुनाए जाते थे। उन्हें इस्लामिक लिट्रेचर मुहैया कराया जाता था। इस्लाम के बारे में बताया जाता था। जब बच्चा पूरी तरह से उनके झांसे में आ जाता है तो उनका धर्मांतरण करा दिया जाता है। इसके लिए कई तरह के लालच भी दिए जाते हैं।

  1. यूट्यूब और रील्स का सहारा: दावा किया जा रहा है कि इस पर छोटे बच्चे, गरीब घर के लड़के और लड़कियां टारगेट पर होती हैं। यूट्यूब और इंस्टाग्राम पर इस्लाम से जुड़े रील्स पोस्ट किए जाते हैं। मुस्लिम लड़के कई गैर इस्लामिक नाम से भी फर्जी आईडी बनाकर यूट्यूब और रील्स के ऐसे पोस्ट को शेयर करते हैं जिसमें इस्लाम की तारीफ होती है।

इसमें ऐसा दिखाया जाता है कि इस्लाम से जुड़े लोग काफी अच्छे और मददगार होते हैं। जो लोग इस तरह के पोस्ट पर ज्यादा रुचि दिखाते हैं, उनसे इस्लाम से जुड़े लोग और फॉलोअर्स बढ़ाने की बात करते हैं। ऐसे गैर इस्लामिक लोगों से इस्लाम की अच्छाइयों से जुड़ी पोस्ट बनवाई जाती है और फिर उसे वायरल करवाया जाता है।

फॉलोअर्स और पोस्ट पर लाइक बढ़ने पर बच्चे इस्लाम के प्रति ज्यादा रुचि दिखाने लगते हैं। इसका फायदा धर्मांतरण कराने वाला गिरोह उठाते हैं। पुलिस की जांच में सामने आया है कि गाजियाबाद, फरीदाबाद और चंडीगढ़ के जिन चार नाबालिग लड़कों के धर्मांतरण की कोशिश हो रही थी, वे सभी ‘यूथ क्लब’ नामक यूट्यूब चैनल से जुड़े थे।

पुलिस का दावा है कि ये चैनल पाकिस्तान से संचालित होता है। इसके यूट्यूब पर करीब 12 लाख से ज्यादा सब्सक्राइबर हैं। इस चैनल पर इस्लामिक स्कॉलर अपनी वीडियो डालते थे। सब्सक्राइबर्स में बड़ी संख्या ईसाई लड़कों की भी है, जो पहले ही धर्मांतरण कर चुके हैं।

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