बिलासपुर

हाईकोर्ट में पीएससी घोटाले की याचिका निराकृत , ननकीराम कंवर ने की थी जांच की मांग

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छत्तीसगढ़ की पूर्ववर्ती कांग्रेस सरकार के दौरान पीएससी का रिजल्ट जारी हुआ था. इसमें चयनित अभ्यर्थियों के मामले में चयन प्रक्रिया में गड़बड़ी होने का आरोप लगा था. जिसके बाद बीजेपी नेता और पूर्व मंत्री ननकीराम कंवर ने हाईकोर्ट में याचिका दायर की.इस याचिका में पीएससी परीक्षा में हुई गड़बड़ी की जांच सीबीआई से कराने की मांग हुई थी. जिस पर चीफ जस्टिस रमेश कुमार सिन्हा और जस्टिस अरविंद कुमार वर्मा की डिवीजन बेंच ने सुनवाई की.बेंच ने कहा कि इस प्रकरण की सीबीआई जांच करने के बारे में राज्य शासन को निर्णय लेना है.

जांच के बाद असंतुष्ट होने पर आए कोर्ट : हाईकोर्ट ने ये भी कहा कि शासन की जांच के बाद अब कोई पक्ष असंतुष्ट हो तो दोबारा हाईकोर्ट आ सकता है. इस मामले में शासन की ओर से महाधिवक्ता प्रफुल्ल भारत ने पक्ष रखा. शासन की ओर से अदालत को बताया गया कि गड़बड़ी के मामले पर टामन सिंह सोनवानी और खलको के खिलाफ एफआईआर दर्ज हो गई है.जिसके बाद हाईकोर्ट ने याचिका का निराकरण कर दिया.

चुनावी मुद्दा था पीएससी घोटाला: पीएससी घोटाले का मुद्दा विधानसभा चुनाव में खूब उठा था. जिसमें पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल और कई मंत्रियों की भूमिका पर सवाल उठे थे. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी अपनी सभाओं में पीएससी घोटाले की जांच कराने की बात की थी. बीजेपी ने अपनी हर सभा में इस मुद्दे को युवाओं के बीच पहुंचाया था.छत्तीसगढ़ में सरकार बदलते ही पीएससी घोटाला मामले में एफआईआर दर्ज हुई. ननकीराम कंवर ने इस मामले में हाईकोर्ट में याचिका दायर की थी.

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