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ग्रेटर नोएडा हत्याकांड: बेटे की हो गई हत्या… परिजन सोचते रहे खराब है मोबाइल; फोन पर आए इस मैसेज से उड़े होश

ग्रेटर नोएडा

नहीं होने पर परिजन यही समझते रहे कि उसका मोबाइल खराब हो गया है या उसमें चार्जिंग संबंधी कुछ समस्या आ गई है। अगले दिन 27 फरवरी की शाम 5.30 बजे यश मित्तल को छोड़ने के लिए छह करोड़ रुपये फिरौती मांगने के मैसेज के बाद परिजनों के होश उड़ गए। वह तुरंत पुलिस के पास पहुंचे। पिता प्रदीप मित्तल ने बताया कि यश ने अपने मोबाइल में खराबी आने की बात कही थी।

26 फरवरी की शाम को भी उसने यही कहा था कि उसके मोबाइल में कुछ समस्या है। मोबाइल को सही कराने के लिए वह जा रहा है। इस बातचीत के कुछ देर बात यश का मोबाइल स्विच ऑफ हो गया। हमने यह मान लिया कि मोबाइल को रिपेयरिंग के लिए दे दिया गया होगा, इसलिए बंद है।

अगले दिन भी मोबाइल स्विच ऑफ आने पर उन्होंने मान लिया था कि फोन रिपेयरिंग के लिए दुकान पर दे दिया गया होगा। कुछ देर बाद मोबाइल फोन यश को मिल जाएगा। दोपहर बाद भी फोन ऑन नहीं होने पर उन्होंने सोचा की कक्षा के बाद वह फोन लेने दुकान पर जाएगा।
इसी पशोपेश में थे और मन नहीं माना तो वह यूनिवर्सिटी में गए और उसके दोस्तों से पता किया, लेकिन कुछ जानकारी नहीं मिली तो संशय पैदा होने लगा। शाम करीब 5.30 बजे उनके मोबाइल पर यश के नंबर से मैसेज आया। जिसमें कहा गया था कि बेटे यश को जिंदा देखना चाहते हो तो 6 करोड़ तैयार रखो।

इस मैसेज को देखते ही उनके होश उड़ गए। वह आनन-फानन दादरी कोतवाली पहुंचे और थाना पुलिस को पूरी घटना की जानकारी दी। पुलिस ने उनकी शिकायत पर मुकदमा दर्ज किया और यश की तलाश शुरू कर दी। उस वक्त तक हमें यही लग रहा था कि यश हमें मिल जाएगा। लेकिन ऐसा नहीं हुआ। पिता ने कहा कि काश अगर इसका अंदेशा उसी वक्त लग जाता तो शायद वह बेटे को बचा लेते।

हत्यारोपी पुराने रहे सहपाठी
पुलिस अधिकारियों ने बताया कि आरोपी युवकों में कोई भी यश का मौजूदा सहपाठी नहीं है। चारों आरोपी यश के साथ पहले पढ़ चुके हैं। पार्टी के दौरान कहासुनी में यश ने एक आरोपी को कुछ ऐसे शब्द बोल दिए जिसे वह दिल से लगा बैठे। इस बात पर कहासुनी हुई तो वहां से कार में बैठकर एक साथ निकल गए। मगर फिर से कार में कुछ बात हुई तो दो हत्यारोपियों ने यश का गला दबा दिया। इसी बीच उसकी नाक से खून निकल आया था। इससे उसकी वहीं पर मौत हो गई थी।

घर के नजदीक हत्या
हत्यारोपियों ने जिस जगह पर पार्टी की थी और जिस जगह पर हत्या हुई थी वह दोनों ही जगह यश के घर से मात्र एक किमी दूरी पर थी। परिजन 48 घंटे तक पूरा परिवार अमरोहा और ग्रेटर नोएडा के चक्कर काटता रहा, लेनिक उनको पता नहीं था कि यश की हत्या कर शव घर के पास ही दबा दिया गया।

बंद कर लिया था मोबाइल
हत्यारोपियों ने वारदात को दूसरी ओर घुमाने के लिए काफी प्रयास किया। यूनिवर्सिटी से निकलने के दौरान यश ने बताया था कि दिल्ली से उसके कुछ दोस्त आ रहे हैं। मगर यूनिवर्सिटी से निकलने के बाद ही उसने फोन बंद कर लिया ताकि घर वालों और बहन को उसके बारे में जानकारी न लगे। बहन इशिता समय-समय पर कॉल करके उससे हालचाल लेती रहती थी।

इसी बात का लाभ उठाते हुए हत्यारोपियों ने उसके मोबाइल की सिम निकालकर ऐसे मोबाइल में डाली जो काफी दिन से प्रयोग में नहीं था। मगर उससे जब फिरौती के लिए मैसेज पिता के मोबाइल पर भेजा गया। उसी मोबाइल का आईएमईआई पुलिस ने सर्च किया गया और फिर हत्यारोपी रचित तक पहुंचा जा सका।

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