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छत्तीसगढ़

ओडिशा में बनी भगवान जगन्नाथ की प्रतिमा दंतेवाड़ा में होगी स्थापित

दंतेवाड़ा

ओडिशा के कोरापुट में बनी चतुर्धा प्रतिमा को छत्तीसगढ़ के किरंदुल में तैयार हो रही जगन्नाथ मंदिर में स्थापित किया जाएगा. ओडिशा के शाबर श्रीक्षेत्र के कोरापुट के जगन्नाथ मंदिर परिसर में बनी भगवान जगन्नाथ, बलभद्र, सुभद्रा और सुदर्शन जी की दिव्य प्रतिमा को छत्तीसगढ़ लाया गया है. ये मूर्ति दंतेवाड़ा के किरंदुल में लाई जा चुकी है. अगले महीने की 7 से 11 मई तक किरंदुल में नए जगन्नाथ मंदिर का उद्घाटन होना है. 10 मई की मध्यरात्रि को दिव्य चतुर्धा मूर्ति को रत्नसिंघासन पर स्थापित किया जाएगा.

हर साल निकाली जाती है जगन्नाथ यात्रा: इस बारे में किरंदुल जगन्नाथ सेवा समिति के अध्यक्ष रामचन्द्र नाहक ने बताया कि, “किरंदुल में 500 से अधिक उड़िया परिवार के लोग रहते हैं. यहां साल 2007 से लगातार पुराने जगन्नाथ मंदिर में श्रीगुंडिचा यात्रा आयोजित की जाती रही है. छत्तीसगढ़ राज्य में जगदलपुर के बाद किरन्दुल में आयोजित रथयात्रा काफी महत्वपूर्ण मानी जाती है. इस यात्रा के दौरान यहां भव्य जुलूस निकाला जाता है, जिसमें किरंदुल में बसे उड़िया समाज सहित अन्य समाज के लोग जुटते हैं. हर साल 20-25 हजार लोग इस यात्रा में शामिल होते हैं. साल-दर-साल यहां श्रद्धालुओं की संख्या बढ़ती जाती है.”

शाबर श्रीक्षेत्र के जगन्नाथ मंदिर की स्थापना के बाद से 35 से अधिक चतुर्धा मूर्ति की प्रतिमाओं का निर्माण कर दूसरे जगह के मंदिर में भेजा गया है. किरंदुल जगन्नाथ सेवा समिति के ऑर्डर पर चतुर्धा मूर्ति को कोरापुट से किरंदुल के नए जगन्नाथ मंदिर में भेजा गया है. इससे शाबर श्रीक्षेत्र और किरंदुल के बीच एक नए रिश्ते की शुरुआत हुई है. -डॉ. जगबंधु सामल, संपादक, जगन्नाथ मंदिर, कोरापुट

बताया जा रहा है कि किरंदुल में भगवान जगन्नाथ के भव्य मंदिर की स्थापना की जा रही है. शाबर श्रीक्षेत्र के नाम से विख्यात कोरापुट के श्रीजगन्नाथ मंदिर का काफी महत्व है. यहां चतुर्दश मूर्ति (चतुर्धा प्रतिमा) स्थापित करने का निर्णय लिया गया. किरंदुल जगन्नाथ सेवा समिति के इस निर्णय के कारण वर्तमान में शाबर श्रीक्षेत्र मंदिर के प्रतिष्ठित मूर्तिकारों ने इन चारों मूर्तियों को तैयार किया है.

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