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रायबरेली सांसद राहुल गांधी लोकसभा में होंगे विपक्ष के नेता

नई दिल्ली

कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष होंगे. पार्टी संसदीय दल की प्रमुख सोनिया गांधी ने लोकसभा के कार्यवाहक अध्यक्ष (प्रोटेम स्पीकर) भर्तृहरि महताब को पत्र भज कर कांग्रेस के फैसले के बारे में उन्हें अवगत कराया है कि निचले सदन में राहुल गांधी पार्टी के नेता होंगे. लोकसभा में कांग्रेस का नेता ही नेता प्रतिपक्ष होगा. कांग्रेस ने लोकसभा चुनाव में 99 सीट जीती हैं.

पार्टी के संगठन महासचिव केसी वेणुगोपाल ने संवाददाताओं को बताया कि सोनिया गांधी ने पार्टी के इस फैसले के बारे में सूचित करते हुए लोकसभा के कार्यवाहक अध्यक्ष (प्रोटेम स्पीकर) भर्तृहरि महताब को पत्र भेजा है. राहुल गांधी इस बार उत्तर प्रदेश के रायबरेली लोकसभा क्षेत्र से निर्वाचित हुए हैं. इससे पहले वह लोकसभा में केरल के वायनाड और उत्तर प्रदेश के अमेठी का प्रतिनिधित्व कर चुके हैं. वह पांचवीं बार लोकसभा पहुंचे हैं. उन्होंने मंगलवार को लोकसभा सदस्यता की शपथ ली.

कांग्रेस ने लोकसभा अध्यक्ष पद के चुनाव से एक दिन पहले राहुल गांधी को विपक्ष का नेता बनने का फैसला किया. कांग्रेस कार्य समिति ने गत आठ जून को सर्वसम्मति से एक प्रस्ताव पारित कर पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी से आग्रह किया कि वह लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष की जिम्मेदारी संभालें. उस समय राहुल गांधी ने कार्य समिति के सदस्यों के विचार सुने थे और कहा था कि वह इस बारे में जल्द फैसला करेंगे.

राहुल के पास होंगी अब कौनसी शक्तियां?
अब राहुल गांधी नेता प्रतिपक्ष बन रहे हैं तो वह उस कमिटी का हिस्सा बन जाएंगे, जो सीबीआई के डायरेक्टर, सेंट्रल विजिलेंस कमिश्नर, मुख्य सूचना आयुक्त, ‘लोकपाल’ या लोकायुक्त, राष्ट्रीय मानव अधिकार आयोग के चेयरपर्सन और सदस्य और भारतीय निर्वाचन आयोग के मुख्य चुनाव आयुक्त और चुनाव आयुक्तों की नियुक्ती करती है. इन सारी नियुक्तियों में राहुल गांधी नेता प्रतिपक्ष के तौर पर उसी टेबल पर बैठेंगे, जहां प्रधानमंत्री मोदी बैठेंगे और पहली बार ऐसा होगा, जब इन फैसलों में प्रधानमंत्री मोदी को नेता प्रतिपक्ष के तौर पर राहुल गांधी से भी उनकी सहमति लेनी होगी.

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