पहली बारिश में डूबी दिल्ली… सड़कें लबालब
दिल्ली
गुरुवार देर रात से ही तेज बारिश हो रही है। बारिश के बाद राजधानी के कई इलाकों में भारी जलभराव हो गया। बारिश के बाद लोग जब घरों से दफ्तर के लिए निकले, तो सड़कों पर जलभराव से उनका सामना हुआ। जगह-जगह जलभराव रहा और मोहल्लों की गलियों से लेकर मेन रोड तक पानी में जलमग्न दिखीं। आलम यह था कि कई इलाकों में घरों, दुकानों व अस्पतालों में पानी भर गया, जिससे लोगों को दिक्कतों का सामना करना पड़ा। इससे मेट्रो व डीटीसी बसें भी अछूती नहीं रही। कई बसें पानी से लबालब दिखाई दीं। जगह-जगह बसें खराब हुईं।
राजधानी के कई पॉश इलाकों के घरों में पानी भर गया। वसंत कुंज, ग्रेटर कैलाश, न्यू फ्रेंड्स कॉलोनी, साकेत और मालवीय नगर सहित दक्षिणी दिल्ली के प्रमुख इलाकों में आवासीय इलाकों के साथ-साथ मुख्य सड़कों पर भी जलभराव देखा गया। साकेत में प्रेस एन्क्लेव रोड स्थित एकता अपार्टमेंट में लोग बाल्टी और मग से परिसर में घुसे पानी को बाहर निकालते हुए दिखे। साउथ एक्स पार्ट 1 में कई घरों के बेड रूम, किचन, ड्रॉइंग हॉल पानी से लबालब रहे। लोगों ने बताया कि इस वजह से कई जरूरी काम रुक गए। खाना भी नहीं बन पी रहा। पुरानी दिल्ली के सदर बाजार की मेन रोड पर बनी दुकानों में पानी भरा गया। व्यापारी व दुकानदार बाल्टी से पानी बाहर निकालते दिखे।
सुबह जलभराव और बारिश से बचकर ऑफिस जाने के लिए कुछ लोग ऑटो का सहारा लेते दिखे। वहीं, ऑटो और ई-रिक्शों वालों ने भी इस दौरान लोगों को लूटने में कोई कसर नहीं छोड़ी। उन्होंने किराया दोगुना कर लिया। दिल्ली सचिवालय से बहादुर शाह जफर मार्ग तक आने के लिए 160 रुपये मांग रहे थे, जबकि, सामान्य दिन में 60 रुपये लेते हैं। पालम खोला चौक से मेट्रो स्टेशन जाने के लिए ई-रिक्शा वाले 30 से 50 रुपये मांग रहे थे। सामान्य दिनों में किराया 10 रुपये प्रति सवारी होता है। आईटीओ से लक्ष्मी नगर जा रही प्रियम कश्यप ने बताया कि पूरी दिल्ली पानी में जलमग्न है। जगह-जगह गंदा पानी भरा हुआ है। इसका फायदा ऑटो व ई-रिक्शा चालक उठा रहे हैं। वह लोगों से मनमाना किराया वसूल रहे है, जहां रोज 10 रुपये लगते है, वह 30-40 रुपये वसूल रहे हैं।
राम मनोहर लोहिया अस्पताल (आरएमएल), एम्स, सफदरजंग समेत अन्य अस्पतालों में पानी भरने की वजह से मरीजों को एक से दूसरे विभाग तक जाने में काफी दिक्कत हुई। मरीज और तीमारदार गंदे पानी में उतरकर जाने के लिए मजबूर दिखे। लोग घुटनों तक कपड़े मोड़कर जाते दिखे। कुछ विभागों के बाहर खाली पड़े स्ट्रेचर तक पानी के बहाव से इधर-उधर हो रहे थे। अस्पताल तक जाने वाले सड़कों पर भी यही हालात दिखे।
बारिश से कई जगहों पर पानी भरने की वजह से मेट्रो स्टेशनों तक लोगों का पहुंचना मुश्किल हो गया। ऐसा हाल मजेंटा लाइन मेट्रो स्टेशन का था। तीनों गेट पर पानी भरने से चाहकर भी यात्री स्टेशन तक पहुंच नहीं पा रहे थे। यहां तक की बारिश के चलते यशोभूमि द्वारका सेक्टर 25 मेट्रो स्टेशन के गेट बंद कर दिया गया। कश्मीरी गेट से बाराखंबा रोड जा रहे राघव ने बताया कि वह पानी में आधा डूबकर मेट्रो स्टेशन तक पहुंचे। सारे कपड़े गंदे व गीले हो गए। बारिश ने प्रशासन के दावों की पोल खोल दी है।
हर साल की तरह इस बार भी मिंटो रोड पर पानी भरा गया और एक कार उसमें डूब गई। कार मिंटो ब्रिज के नीचे पानी में तैरती दिखी। वहीं, आईटीओ में भी जगह-जगह जाम की स्थिति बनी रही। कुछ मिनट की दूरी तय करने में घंटों का समय लग रहा था। सुबह सात बजे पटेल नगर से बच्चों को निजी शिक्षण संस्थान में कोचिंग के लिए छोड़कर आने के बाद सुरिंदर सिंह ने बताया कि रेन कोट पहनाकर बहुत ही मुश्किल से बच्चों को छोड़कर आए हैं। हर जगह जलभराव है। कई बार उनकी बाइक बंद हो गई थी।