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सुर्खियों में आईं IAS अधिकारी किंजल सिंह, यूट्यूबर पर दर्ज कराया केस, जानिए पूरा मामला

लखनऊ. यूपी की तेज-तर्रार आईएएस अधिकारी किंजल सिंह सुर्खियों में आ गईं है. उन्होंने एक यूट्यूबर के खिलाफ गोमतीनगर थाने में एफआईआर कराई है. उन्होंने एक यूट्यूबर पर अपने स्वर्गवासी माता-पिता पर आपत्तिजनक टिप्पणी करने का आरोप लगाया है. इस मामले की जांच गोमतीनगर पुलिस कर रही है.

आईएएस अधिकारी किंजल सिंह का आरोप है कि यूट्यूब चैनल संचालक ने उनके दिवंगत माता-पिता पर एक आपत्तिजनक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल किया. वीडियो साढ़े तीन लाख से अधिक लोग देख चुके हैं. इससे उनकी छवि धूमिल हो रही है. पुलिस ने आरोपी यूट्यूबर उस्मान सैफी उर्फ उस्मान अली और www.usmansaifisafar.com पर गोमतीनगर थाने में एफआईआर दर्ज कर ली है. 

जानकारी के मुताबिक आईएएस अधिकारी किंजल सिंह यहां विपुलखंड में रहती हैं. अधिकारी का आरोप है कि गोंडा के रहने वाले चैनल संचालक उस्मान अली का यूट्यूब चैनल है. उन्होंने 20 जून को ब्लॉग पर दिवंगत माता-पिता से जुड़ा एक वीडियो वायरल किया. वीडियो भ्रामक है. ये वीडियो 20 जून को अपलोड किया गया था.

किंजल सिंह ने आरोप लगया कि वीडियो को प्रसारित करने से पहले उनके परिवार के किसी सदस्य से तथ्यों को सत्यापित नहीं किया गया है. बता दें कि आईएएस किंजल सिंह के पिता केपी सिंह गोंडा के डीएसपी थे, 12 मार्च 1982 को उनकी हत्या कर दी गई थी जब वो एक सामूहिक झड़प के मामले में जांच करने माधोपुर गांव गए थे. इसी दौरान कुछ बदमाशों ने उनकी हत्या कर दी थी. इस दौरान किंजल सिंह सिर्फ दो साल की थीं.

दोंनों बेटियों ने मां से किया था आईएएस अफसर बनने का वादा

जब किंजल सिंह समझदार हुई और इस बारे में पता चला, तब उन्होंने अपने पिता को न्याय दिलाने का फैसला किया. इसके लिए उन्होंने अपनी मां के साथ सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था. किंजल सिंह ने कड़ी मेहनत से पढ़ाई की और दिल्ली यूनिवर्सिटी में लेडी श्री राम कॉलेज में दाखिला लिया. उस वक्त पता चला कि उनकी मां को कैंसर है. लंबे समय तक कैंसर से लड़ने के बाद 2004 में उनकी मां का निधन हो गया. अंतिम क्षणों में बेटियों ने मां को आश्वासन दिया कि वे आईएएस ऑफिसर बनकर पिता को न्याय दिलाएंगी.

पिता के हत्यारों को हुई सजा

आईएएस और आईआरएस बनने के बाद दोनों बहनों ने अपने पिता को न्याय दिलाने और उनकी हत्या के पीछे के दोषियों को गिरफ्तार कराने का फैसला किया. उनके दृढ़ संकल्प ने पूरी न्याय प्रणाली को हिलाकर रख दिया और 2013 में उनके पक्ष में फैसला आया. पिता की हत्या के 31 साल बाद लखनऊ में सीबीआई की विशेष अदालत ने उनके पिता डीएसपी सिंह की हत्या के सभी 18 आरोपियों को सजा सुनाई.

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