छत्तीसगढ़

CG Crime: 3 अक्टूबर को मिली लाश की गुत्थी सुलझी, प्रेमी-प्रेमिका ने मिलकर मृतक की रस्सी से गला घोंटकर की थी हत्या

केशकाल

ईरागांव थाना क्षेत्र अंतर्गत ग्राम उमला जाने वाले मार्ग में बीते 3 अक्टूबर दिन शनिवार को सड़क के किनारे कोनगुड निवासी 19 वर्षीय युवक मनोज मरापी का शव सन्देहास्पद अवस्था मे पड़ा मिला था। ततपश्चात इरागांव पुलिस मामले में अज्ञात आरोपियों के खिलाफ भादवि की धारा 302 के तहत अपराध पंजीबद्ध कर आरोपियों की पतासाजी में जुट गई थी। जिसमें मंगलवार दिनांक 5 अक्टूबर को पुलिस ने अंधे कत्ल की गुत्थी सुलझाते हुए घटना में संलिप्त एक आरोपिया को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया था। वहीं घटना में संलिप्त मुख्य आरोपी फरार था जिसे मुखबिर की सूचना के आधार पर इरागांव पुलिस ने मुख्य आरोपी को भी धर दबोचा है, जिसे माननीय न्यायालय में पेश कर जेल भी भेज दिया गया है।उल्लेखनीय है कि थाना ईरागाँव क्षेत्रान्तर्गत ग्राम उमला में दिनाँक 3 अक्टूबर को सड़क दुर्घटना से एक अज्ञात युवक का शव सडक किनारे पड़े होने कि सूचना प्राप्त होने पर थाना प्रभारी व स्टाफ तत्काल मौके पर पहुंचे थे। शव व मोटर सायकल संदेहास्पद स्थिति में पड़ा था अज्ञात शव के बारे में आस- पास के लोगों से पूछताछ करने पर युवक नाम मनोज मरापी पिता रामसाय मरापी निवासी कोनगुड का होना बताया गया। जिस पर थाना ईरागांव में अपराध क्रमांक धारा 302 भा.द.वि. का अपराध पंजीबद्ध कर विवेचना में लिया गया। जिसमें पुलिस अधीक्षक सिदार्थ तिवारी के निर्देशन में अति. पुलिस अधीक्षक राहुलदेव शर्मा के मार्गदर्शन में अनुविभागीय अधिकारी केशकाल भूपत सिंह धनेश्री के पर्यवेक्षण में मामले की गंभीरता को देखते हुए आरोपी की गिरफ्तारी हेतु थाना प्रभारी विनोद कुमार साहू के नेतृत्व में टीम तैयार किया गया। जानकारी देते हुए केशकाल एसडीओपी भूपत सिंह धनेश्री ने बताया कि प्रकरण की विवेचना के दौरान मृतक के परिजनों गवाहों व मुखबिरी के आधार पर हत्या में शामिल आरोपिया कुमारी जानकी मण्डावी को पुलिस हिरासत में लेकर पूछताछ करने पर बताया कि कि उसने अपने मित्र रतिराम मरापी के साथ षड्यंत्र बनाकर मृतक मनोज मरापी को अपने झूठा प्रेम जाल में फंसा कर मिलने के लिए उमला चौक बुलाया था। जहां उसने पहले मृतक को जहरयुक्त कोल्ड्रीक पिलाकर अपने मित्र रतिराम को इशारा किया। तभी आरोपी रतीराम मरापी पिछे से आया और मनोज मरापी के गले मे पटटेनुमा रस्सी फंसाकर उसका गला घोंट दिया जिससे मनोज की मृत्यु हो गयी। फिर रतीराम मरापी व जानकी मण्डावी प्लान के मुताबिक के मिलकर मृतक के मोटर सायकल को तोड़फोड़ कर मृतक के उपर पटककर दिये ताकि लोग घटना को सड़क दुर्घटना समझें। उक्त प्रकरण में वैधानिक कार्यवाही करते हुए आरोपिया जानकी मण्डावी उम्र 22 वर्ष द्वारा अपराध करना कुबूल करने पर उसे दिनांक अक्टूबर को गिरफ्तार कर केन्द्रीय जेल जगदलपुर मे निरूद्ध किया गया था। वहीं घटना दिनांक से आरोपी रतिराम मरापी अपने गृह ग्राम से फरार था आरोपी पूर्व से आजीवन कारवास से दडिण्त एवं कुख्यात अपराधी होने से जिसकी गिरफ्तारी हेतु हर सम्भव प्रयास की जा रही थी। इसी बीच फरार का सूचना मिलने पर तत्काल मौके में दबिश देकर फरार आरोपी रतिराम को कब्जे मे लेकर पूछताछ करने उसने भी अपना अपराध कबूल किया। ततपश्चात उसे भी विधिवत गिरफ्तार कर माननीय न्यायालय के आदेशानुसार जेल भेजा गया। सम्पुर्ण कार्यवाही में उपनिरीक्षक संजय शिंदे, स.उ.नि पिताम्बर कठार, प्र. आर. रामदयाल पैकरा, आर. संतोष पोयाम का विशेष योगदान रहा ।

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