मोबाइल से नकल कर रहीं थीं छात्राएं… महिला प्रोफेसर ने रोका तो जमकर की धुनाई, आंख और शरीर में आईं गंभीर चोटें
आरा
परीक्षा तो नकल करने के लिए नहीं होती है… प्रोफेसर ने बस इसी नियम को फॉलो किया और उनको ये करना काफी महंगा पड़ गया. एग्जाम दे रही छात्राओं ने प्रोफेसर को ही जमकर कूट दिया. घटना बिहार के आरा से है, जहां एक प्रोफेसर को पीजी की परीक्षा में मोबाइल से नकल करने से मना करना भारी पड़ गया. नकल रोकने से नाराज महिला परीक्षार्थियों ने एग्जामिनेशन हॉल में ही महिला प्रोफेसर की जमकर पिटाई की. असिस्टेंट प्रोफेसर डॉ शुचि स्नेहा को आंख सहित कई जगहों पर गंभीर चोट आई है. मामला पीजी सेमेस्टर थर्ड की परीक्षा से जुड़ा हुआ है.
वीर कुंवर सिंह विश्वविद्यालय में पीजी सेमेस्टर थर्ड सेमेस्टर 2022-24 की परीक्षा के दौरान सोमवार को पहले दिन आरा शहर के महाराजा कॉलेज केंद्र पर नकल की छूट नहीं मिलने पर बॉटनी की तीन छात्राओं ने प्रोफेसर को जमकर पीट दिया. इस घटना में महिला टीचर को आंख, पीठ, गर्दन सहित कई जगहों पर गंभीर चोट आई हैं. इसे लेकर कुछ देर तक अफरा-तफरी का माहौल भी बना रहा. शोर सुनकर दूसरे कमरे से प्रोफेसर आए, जिसके बाद मामला शांत हुआ.
प्रोफेसर ने दर्ज कराई शिकायत
जख्मी प्रोफेसर ने इसकी शिकायत केन्द्राधीक्षक प्रो. आलोक कुमार से की. इसके बाद केंद्र ने इसकी सूचना विवि प्रशासन को दी. कुलपति प्रो शैलेंद्र कुमार चतुर्वेदी, कुलसचिव डॉ रणविजय कुमार, राजनीति विज्ञान के हेड डॉ कुंदन कुमार सिंह सहित अन्य अधिकारी महाराजा कॉलेज पहुंचे, जहां केन्द्राधीक्षक और प्रोफेसर से बात की.
विवि ने इस मामले में सख्त कदम उठाने की बात कही. इसके बाद केन्द्राधीक्षक ने तीनों छात्राओं को परीक्षा से बाहर निकाल दिया. इधर, विश्वविद्याल ने आगामी परीक्षा में भी इन छात्राओं को परीक्षा न देने के निर्देश जारी किए हैं. भविष्य में ऐसी घटना नहीं हो, इसके लिए भी आवश्यक गाइड लाइन जारी की गई है.
कार्यालय में भी पहुंच गयी थीं छात्राएं
कॉलेज प्रशासन की मानें तो आक्रोशित छात्राएं हंगामा करती हुईं कार्यालय में भी पहुंच गईं. वहां से समझाकर वापस भेजा गया. घटना के बाद प्रभारी प्राचार्य प्रो आलोक रंजन ने पुलिस को 112 नंबर पर फोन किया. मौके पर पहुंची पुलिस को प्राचार्य ने प्रोफेसर की शिकायत को सौंपा. मारपीट करने वाली छात्रा का मोबाइल भी प्रोफेसर के पास है, जिसे प्राचार्य ने पुलिस को दे दिया गया है.
तीन साल तक नहीं दे सकेंगी परीक्षा
कुलसचिव डॉ. रणविजय कुमार ने कहा कि विश्वविद्यालय प्रशासन मारपीट के मामले पर गंभीर हैं. तत्काल परीक्षा से छात्राओं को वंचित कर दिया गया है. साथ ही अगले तीन साल तक परीक्षा में ये छात्राएं शामिल नहीं होंगी. आने वाली परीक्षाओं को लेकर विश्वविद्यालय ने केंद्रों को निर्देश दिया है कि हर हाल में दो महिला और दो पुरुष प्रोफेसर को रखा जाए. महाराजा कॉलेज की हिन्दी विभाग की शिक्षिका डॉ शुचि स्नेहा क साथ हुई मारपीट की घटना की शिक्षकों ने निंदा की है.