बाइडेन की चेतावनी के बावजूद इजरायल की लेबनान में ग्राउंड फोर्स घुसाने की तैयारी
नई दिल्ली
पिछले कई दिनों से इजरायल और हिज्बुल्लाह के बीच संघर्ष अपने चरम पर है. दोनों तरफ रॉकेट्स और मिसाइलें दागी जा रही हैं. हिज्बुल्लाह के साथ बढ़ते संघर्ष के बीच, इजरायली सेना प्रमुख ने सैनिकों से लेबनान में जमीनी हमले के लिए तैयार रहने को कहा है. इसके साथ ही यह भी कहा गया है कि ईरान समर्थित ग्रुप हिज्बुल्लाह के खिलाफ बड़े हमले ‘दुश्मन के इलाके में प्रवेश करने’ का रास्ता साफ कर सकते हैं. यह ऐसे वक्त में हो रहा है, जब अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन ने मिडिल ईस्ट में ‘पूर्ण युद्ध’ के खिलाफ चेतावनी दी और दुश्मनी खत्म करने के लिए 21-दिवसीय युद्धविराम समझौते पर बातचीत हुई है.
इजरायल के हमलों में तेजी
लेबनान के स्वास्थ्य अधिकारियों के मुताबिक, बुधवार को करीब 72 लोग मारे गए और 233 अन्य घायल हुए क्योंकि इजरायल ने हिज्बुल्लाह के खिलाफ देश में अपने हवाई हमले तेज कर दिए हैं. इजरायली सैनिकों को संबोधित करते हुए, सेना प्रमुख लेफ्टिनेंट जनरल हर्जी हलेवी ने कहा, “आप ऊपर से जेट विमानों की आवाज सुन सकते हैं, हम पूरे दिन हमला कर रहे हैं. यह आपके प्रवेश के लिए जमीन तैयार करने और हिज्बुल्लाह कमजोर करने के लिए है.”
इमैनुएल मैक्रों ने संघर्ष खत्म करने पर दिया जोर
इस बीच, फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों ने यूनाइटेड नेशन्स जनरल एसेंबली को बताया, “लेबनान में युद्ध नहीं हो सकता. यही वजह है कि हम इजरायल से लेबनान पर हमले में बढ़ोतरी को रोकने और हिज्बुल्लाह से इजरायल पर मिसाइल दागने को रोकने की गुजारिश करते हैं.” फ्रांस के राष्ट्रपति का यह बयान मिडिल ईस्ट संघर्ष को खत्म करने के लिए 21 दिवसीय ‘अस्थायी युद्धविराम’ प्रस्ताव पर बाइडेन के साथ बातचीत के तुरंत बाद आया है.
लेबनान में लाखों नागरिक प्रभावित
सोमवार को इजरायल के द्वारा हिज्बुल्लाह के बुनियादी ढांचे को नष्ट करने के लिए शुरू किए गए अभियान के बाद से लेबनान में 600 से ज्यादा लोगों की मौत हो चुकी है. संयुक्त राष्ट्र के आंकड़ों के मुताबिक, लेबनान में इस बीच करीब 90 हजार लोग विस्थापित हुए हैं, जो कि 110,000 लोगों के अलावा हैं, जो तनाव बढ़ने से पहले अपने घरों से भाग गए थे.
व्हाइट हाउस ने कहा कि अमेरिका और फ्रांस ‘राजनयिक समझौते के आखिरी दौर की दिशा में कूटनीति के लिए जगह देने के लिए लेबनान-इजरायल बॉर्डर पर तत्काल 21-दिवसीय युद्धविराम’ का आह्वान करते हैं. स्थिति ‘असहनीय’ हो गई है और ‘यह न तो इजरायल और न ही लेबनान के लोगों के के लिए फायदेमंद है.”
इजरायल के यूएन राजदूत डैनी डैनन ने कहा कि यहूदी राष्ट्र युद्ध विराम का स्वागत करेगा और कूटनीतिक समाधान को प्राथमिकता देगा. हालांकि, उन्होंने दोहराया कि ईरान इलाके में हिंसा का केंद्र है और शांति के लिए इस खतरे को खत्म करना जरूरी है.
जवाब में, ईरान के विदेश मंत्री अब्बास अराक्ची ने कहा कि तेहरान हिज्बुल्लाह का समर्थन करता है. “यह इलाका पूरी तरह से तबाही के कगार पर है. अगर इसे रोका नहीं गया, तो दुनिया को भयावह परिणामों का सामना करना पड़ेगा.”
संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंटोनियो गुटेरेस ने कहा, “लेबनान में नरक टूट रहा है और देश दूसरा गाजा नहीं बन सकता. सभी पक्षों से, आइए एक स्पष्ट स्वर में कहें: हत्या और विनाश को रोकें, बयानबाजी और धमकियों को कम करें और कगार से पीछे हटें.”
सैनिकों को संबोधित करते हुए इजरायली सेना प्रमुख लेफ्टिनेंट जनरल हलेवी ने यह भी कहा, “हम उन पर (हिजबुल्लाह) हर जगह हमला करते रहते हैं.” बता दें कि बुधवार को बॉर्डर पार झड़पें जारी रहीं. हिज्बुल्लाह ने दावा किया कि उसने इजरायल की जासूसी एजेंसी मोसाद के मुख्यालय को निशाना बनाया और तेल अवीव की तरफ मिसाइल दागी.
हालांकि, इजरायल की सेना ने कहा कि हिजबुल्लाह मिसाइल को हवाई सुरक्षा द्वारा रोक दिया गया था और किसी तरह के नुकसान की कोई खबर नहीं है.
इजरायल ने कहा कि लड़ाकू विमानों ने बुधवार को 280 से ज्यादा हिज्बुल्लाह के ठिकानों पर हमला किया.