रायपुर। महाराष्ट्र के नांदेड़ जिले आए एक व्यापारी से मिले 70 लाख रुपए जब्त किए गए थे। इस मामले को रफा दफा करने स्थानीय सराफा व्यापारियों की मध्यस्थता में 11 लाख रुपये वसूली का मामला सामने आया है। इस मामले को लेकर रायपुर छत्तीसगढ़ और नांदेड़ के व्यापारियों के बीच विवाद घर कर गया है।
सूत्रों के अनुसार, नांदेड़ का व्यापारी दिवाली के लिए खरीदारी करने रायपुर आया था। इंटर-स्टेट बस टर्मिनल (आईएसबीटी), भाटागांव के पास व्यापारी को रायपुर पुलिस ने हिरासत में लिया। स्थानीय सराफा व्यापारियों की सूचना पर पुलिस ने व्यापारी की तलाशी ली और 70 लाख रुपये नकद जब्त किए थे । व्यापारी को तुरंत संबंधित पुलिस थाने ले जाया गया।
कुछ देर बाद, रायपुर सराफा के दो प्रभावशाली व्यापारी थाने पहुंचे। आरोप है कि इन व्यापारियों ने मामला पुलिस से सेटल करने नांदेड़ के व्यापारी को और इनकम टैक्स विभाग में शिकायत से बचाने के नाम पर 15 लाख रुपये की मांग की। डर और परिचय के चलते नांदेड़ के व्यापारी ने यह रकम दे दी। थोड़ी देर बाद, रायपुर के व्यापारियों ने 4 लाख रुपये लौटाते हुए कहा कि मामला 11 लाख रुपये में सुलझा लिया गया है।
नांदेड़ लौटने पर, व्यापारी ने इस घटना की जानकारी अपने स्थानीय सराफा संघ को दी। वहां के व्यापारियों ने इसे छत्तीसगढ़ सराफा संघ के सामने रखा। छत्तीसगढ़ सराफा संघ ने घटना की पुष्टि करते हुए कई साक्ष्य जुटाए और रायपुर पुलिस के वरिष्ठ अधिकारियों से संपर्क किया। इसके बाद संबंधित एसएचओ और व्यापारियों को तलब किया गया।
एसएचओ ने 70 लाख रुपये की नकदी जब्ती की बात स्वीकार की, लेकिन किसी भी तरह की उगाही में शामिल होने से इनकार किया। हालांकि, सूत्रों के मुताबिक, एसएचओ ने व्यापारियों के कहने पर नकदी को वैध घोषित कर दिया।
रायपुर सराफा के कुछ व्यापारियों के खिलाफ संघ में नाराजगी जताई है। छत्तीसगढ़ सराफा एसोसिएशन के एक वरिष्ठ पदाधिकारी ने पुष्टि करते हुए एफआईआर दर्ज कराने की बात कही है। और इस मामले में सख्त कार्रवाई की मांग की है।
पुलिस सूत्रों के अनुसार, आरोपित व्यापारियों में से एक ने उगाही की बात स्वीकार की है। जल्द ही एफआईआर दर्ज होने के संकेत हैं । इस घटना ने सराफा बाजार में हलचल मची हुई है।