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20 के बाद शुरू होगा निगम का चुनावी शोर, आचार संहिता लागू होने के आसार

रायपुर। रायपुर समेत प्रदेश के सभी नगरीय निकायों में होने वाले चुनाव के लिए 20 दिसंबर के बाद चुनाव आचार संहिता लागू होने के आसार हैं। विधानसभा का शीतकालीन सत्र खत्म होने के तुरंत बाद आचार संहिता लागू हो जाएगी। इसके साथ ही राजधानी में चुनावी शोर शुरू हो जाएगा। परिसीमन की वजह से इस बार रायपुर मेयर समेत वार्डों का नए सिरे से आरक्षण होगा। सबसे महत्वपूर्ण मेयर का रिजर्वेशन होगा। आरक्षण प्रक्रिया में राजधानी को अनारक्षित सामान्य, अनारक्षित महिला, ओबीसी और ओबीसी महिला के चार विकल्प मिलेंगे।

चार विधानसभा क्षेत्रों से मिलकर बने रायपुर नगर निगम के मेयर का अलग रुतबा होता है। राजधानी होने के कारण भाजपा-कांग्रेस दोनों के लिए ये सीट खास मायने रखती है। पिछले तीन चुनाव से रायपुर में कांग्रेस का महापौर ही बैठ रहा है। इसलिए इस बार कांग्रेस के लिए ही अपना कब्जा बनाए रखना बड़ी चुनौती है। फिलहाल सबकी निगाहें आरक्षण पर हैं। आरक्षण से तय होगा कि इस बार रायपुर निगम को किस वर्ग से महापौर मिलेगा। पिछली बार महापौर का चयन सामान्य अनारक्षित वर्ग से हुआ था। इस हिसाब से इस बार लॉटरी प्रक्रिया में सामान्य अनारक्षित वर्ग की पर्ची नहीं रखनी थी। इस बार परिसीमन हो रहा है, इसलिए रायपुर में नए सिरे से आरक्षण होगा।

इसके लिए चारों विकल्प अनारक्षित सामान्य, अनारक्षित महिला, ओबीसी और ओबीसी महिला की पर्ची से लॉटरी निकाली जाएगी। यानी अनारक्षित सामान्य वर्ग के मेयर का चयन फिर हो सकता है। अनारक्षित सामान्य की लॉटरी निकलने पर रायपुर से चुनाव लड़ने वाले दावेदारों की संख्या बढ़ जाएगी। भाजपा-कांग्रेस दोनों ही पार्टियों से दर्जनों दावेदार चुनाव लड़ने के लिए तैयार हैं।

सामान्य वर्ग के साथ-साथ आरक्षित वर्ग के लोग भी चुनाव लड़ सकेंगे। इसलिए सभी दावेदारी करेंगे। महिला, ओबीसी और ओबीसी महिला आरक्षित होने पर दावेदारों की संख्या कम हो जाएगी। हालांकि अब तक रायपुर को ओबीसी और ओबीसी महिला वर्ग से महापौर नहीं मिला है। डाॅ. किरणमयी नायक एकमात्र ओबीसी महापौर रहीं हैं, लेकिन वे भी ओबीसी वर्ग से आरक्षित नहीं है। उन्हें महिला आरक्षण की वजह से मेयर की कुर्सी मिली थी। वे भाजपा की प्रभा दुबे को हराकर महिला मेयर बनीं थीं। रायपुर को अब तक केवल एक महिला विधायक और एक महिला महापौर मिली हैं। 1977 में रजनीताई उपासने महिला विधायक बनीं। वे पहली और अब तक की स्थिति में रायपुर की एकमात्र महिला विधायक हैं। रायपुर मेयर की सीट 2010 में महिला के लिए आरक्षित हुई थी। तब कांग्रेस की किरणमयी जीती थीं।

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