मोस्ट वांटेड नक्सली प्रभाकर गिरफ्तार, 25 लाख का था इनाम, 40 साल से है सक्रिय
कांकेर: कांकेर पुलिस को नक्सल मोर्चे पर बड़ी सफलता हाथ लगी है. पुलिस ने नक्सलियों के सीनियर कैडर के 25 लाख के इनामी नक्सली प्रभाकर उर्फ बालमूरी नारायण राव को अरेस्ट किया है. नारायण राव SZCM रैंक का नक्सली है. गिरफ्तार नक्सली उत्तर सब जोनल ब्यूरो में लॉजिस्टिक सप्लाई और MOPOS टीम का इंचार्ज था.
कौन है गिरफ्तार नक्सली प्रभाकर उर्फ बालमूरी नारायण राव
- नक्सली का नाम- प्रभाकर उर्फ बालमूरी नारायण राव
- उम्र- 57 साल, निवासी – ग्राम बीरपुर, जिला जगित्याल, तेलंगाना राज्य
- साल 1984 से नक्सल संगठन में पार्टी सदस्य के रूप में भर्ती
- साल 1984-1994 तक अविभाजित राज्य आंध्रप्रदेश में नक्सली संगठन में सक्रिय
- साल 1995-1997 तक बालाघाट क्षेत्र (मध्यप्रदेश) में सक्रिय
- साल 1998-2005 तक उत्तर बस्तर, कोयलीबेड़ा क्षेत्र में सक्रिय
- साल 2005-2007 DKSZC Supply team & Urban network का काम
- साल 2007-2008 मानपुर-मोहला क्षेत्र में सक्रिय
- साल 2008-2024 वर्तमान समय तक- DKSZC Supply एवं MOPOS (मोबाइल पॉलिटिकल स्कूल) का प्रभारी
पत्नी भी है नक्सली प्रभारी : गिरफ्तार नक्सली प्रभाकर उर्फ बालमूरी नारायण राव की पत्नी DVC सदस्य है जो रावघाट एरिया कमेटी की प्रभारी है.एडिशनल एसपी संदीप पटेल ने बताया कि पिछले कुछ दिनों से नक्सली संगठन के उत्तर बस्तर सब जोनल ब्यूरो के सीनियर नक्सली कैडर प्रभाकर राव की गतिविधि कांकेर एरिया में थी.
40 साल से संगठन में सक्रिय : प्रभाकर राव नक्सल संगठन में पिछले 40 वर्षों से सक्रिय रहकर काम कर रहा था. गिरफ्तार शीर्ष नक्सली प्रभाकर राव के खिलाफ छत्तीसगढ़ राज्य सहित कई अन्य राज्यों में दर्जनों अपराध दर्ज हैं. कांकेर पुलिस के मुताबिक गिरफ्तार नक्सली प्रभाकर सीसीएम सचिव गणपति का चचेरा भाई भी है. सीसीएम सचिव बसवा राजू, सीसीएम के.रामचंद्र रेड्डी उर्फ राजू, देवजी उर्फ कुमा दादा, कोसा, सोनू, मल्लाराजा रेड्डी उर्फ संग्राम से करीबी संबंध है.
सीनियर नक्सली प्रभाकर उर्फ बालमूरी नारायण राव नक्सल संगठन में साल 1984 में पार्टी सदस्य के रूप में भर्ती हुआ. जो पिछले 40 साल से सक्रिय रहकर काम कर रहा था. आपको बता दें कि साल 2024 में अब तक कुल 884 नक्सल कैडरों की गिरफ्तारी हुई है.जिन पर कानूनी कार्रवाई चल रही है. प्रभाकर राव उर्फ बालमूरी नारायण राव की गिरफ्तारी नक्सल विरोधी अभियान की दृष्टिकोण से पुलिस बल के लिए बड़ी सफलता है.