कोरोना काल में निकाले गए चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी को काम में वापस लेने का आदेश
बकाया वेतन देने का निर्देश
बिलासपुर
हाई कोर्ट ने कोरोना काल में बालक आश्रम से निकाले गए रसोइया को पुनः काम मे रखने व बकाया वेतन भुगतान करने का आदेश दिया है। याचिकाकर्ता मनहरण चेलकर आदिवासी विभाग द्वारा संचालित आदिवासी बालक आश्रम बेलगहना में कलेक्टर दर पर 2010 से रसोइया का काम कर रहा था। कोविड 19 के दौरान आश्रम बंद होने पर उसे काम से निकाल दिया गया। आश्रम शुरू होने के बाद भी उसे कार्य में नही रखा गया। इसके खिलाफ उसने अधिवक्ता अब्दुल वहाब खान के माध्यम से हाई कोर्ट में याचिका दाखिल की। याचिका में कहा गया कि याचिकाकर्ता 2010 से रसोइया का काम दैनिक मजदूर में कर रहा था। इसके अलावा उसे नवम्बर दिसंबर 2017 तथा जनवरी, फरवरी व मार्च 2018 का वेतन भी नही दिया गया है। विभाग द्वारा वर्तमान में अन्य कर्मचारियों को कार्य मे रखा जा रहा है। जस्टिस पी सेम कोशी ने सुनवाई उपरांत विभाग को याचिकाकर्ता को पूर्व के अनुभव का लाभ देते हुए कार्य में वापस लेने व पिछला बकाया वेतन देने का आदेश दिया है।