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जांजगीर-चांपा: जहां कोई आदिवासी मतदाता ही नहीं, वहां दे दिया ST आरक्षण, कैसे चुनेंगे अपना सरपंच?

जांजगीर-चांपा जिले के नवागढ़ जनपद क्षेत्र का पिथमपुर गांव. यह गांव इसलिए चर्चा में है क्योंकि ग्राम पंचायत पीथमपुर को अनुसूचित जनजाति महिला सीट का दर्जा प्राप्त हुआ है जबकि इस गांव में ST वर्ग का कोई मतदाता नहीं है. पिथमपुर के ग्रामीणों का दावा है कि करीब 1360 मतदाताओं वाले उनके गांव में अनुसूचित जनजाति वर्ग का कोई भी मतदाता नहीं है. गांव की जनसंख्या करीब 3800 है, जिसमें 98 प्रतिशत ओबीसी वर्ग के लोग हैं. बावजूद इसके सरपंच पद अनुसूचित जनजाति महिला के लिए आरक्षित कर दिया गया है. चुनाव से पहले अब आरक्षण को लेकर फिर से विचार करने की मांग की जा रही है.

पिथमपुर के ग्रामीणों का दावा है कि करीब 1360 मतदाताओं वाले उनके गांव में अनुसूचित जनजाति वर्ग का कोई भी मतदाता नहीं है

ग्रामीण आशुतोष ने बताया हमारे गांव को सरकार ने आदिवासी सीट बना दिया, पता नहीं क्यों? उन्होंने कहा कि यदि यकीन न हो तो सरकार का कोई प्रतिनिधि गांव में आकर देख ले कि यहां कोई आदिवासी शख्स है या नहीं. इसी तरह से इसी गांव के रोहिणी कुमार साहू कहते हैं कि सरकार के इस कदम से हमारे गांव में आक्रोश है. ग्रामीण बिहारी लाल साहू कहते हैं कि हमारे गांव में इतने दिन से कोई आरक्षण नहीं था. हम लोग कलेक्टर साहब से निवेदन करेंगे कि हमारे गांव में जो आरक्षण लगाया गया है उसको वापस लें. इसको एसटी आरक्षण से हटाकर ओबीसी आरक्षण कर दिया जाए, ताकि हम लोग अपना सरपंच चुन सकें.

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