
रायपुर। बहुचर्चित शराब घोटाला मामले में छत्तीसगढ़ के पूर्व आबकारी मंत्री और कांग्रेस विधायक कवासी लखमा को ईडी ने गिरफ्तार किया है। ईडी ने लंबी पूछताछ के बाद कवासी लखमा को गिरफ्तार कर कोर्ट में पेश किया गया। कोर्ट ने सात दिन की रिमांड पर सौंपा गया है। 21 जनवरी को पेश किया जाएगा।
बुधवार को तीसरी बार पूछताछ के लिए ईडी दफ्तर बुलाया गया था, इसी दौरान उनकी गिरफ्तारी हुई। ईडी ने लखमा के खिलाफ भ्रष्टाचार और मनी लांड्रिंग के आरोपों की जांच शुरू की थी, और अब उनके बैंक खाते, संपत्तियों सहित अन्य वित्तीय जानकारी को खंगाले। जिससे कई अहम सबूत हाथ लगे हैं।
ईडी की जांच के अनुसार, लखमा पर आरोप है कि उन्होंने शराब घोटाले के जरिए अवैध रूप से करोड़ों रुपये कमाए। आरोप यह भी है कि लखमा को शराब घोटाले की अवैध कमाई के रूप में प्रति माह 50 लाख रुपये का कमीशन मिलता था।
इस घोटाले में अन्य प्रमुख आरोपितों में आबकारी विभाग के अधिकारी, व्यवसायी और कई उच्च सरकारी कर्मी शामिल हैं। जांच के दौरान यह भी सामने आया है कि 2019 से 2022 के बीच सरकारी शराब दुकानों से अवैध शराब की बिक्री की गई थी, जिससे राज्य सरकार को भारी राजस्व का नुकसान हुआ।
सिंडिकेट चलाकर किया गया घोटाला
- ईडी की जांच के अनुसार तत्कालीन भूपेश सरकार के कार्यकाल में आइएएस अनिल टुटेजा, आबकारी विभाग के एमडी एपी त्रिपाठी और कारोबारी अनवर ढेबर के अवैध सिंडिकेट के जरिए शराब घोटाले को अंजाम दिया गया था।
- इस मामले की जांच एसीबी भी कर रही है। इसकी जांच के अनुसार साल 2019 से 2022 तक सरकारी शराब दुकानों से अवैध शराब डूप्लीकेट होलोग्राम लगाकर बेची गई थी।
सीए के साथ नहीं पहुंचे थे कवासी
- ईडी के अधिकारियों ने कवासी लखमा ने तीसरी बार पूछताछ के लिए बुलाया था। इस दौरान ईडी ने कवासी से कहा था कि वह अपने सीए को भी साथ में लेकर आएं लेकिन कवासी लखमा अकेले ही ईडी के दफ्तर पहुंचे। कवासी लखमा ने बताया कि उनके किसी किसी काम से बाहर गए हैं जिस कारण से वह नहीं आए हैं।
कवासी ने कहा फूटी कौड़ी नहीं मिले मेरे पास से
- गिरफ्तारी के बाद कवासी लखमा ने मीडिया से कहा कि ईडी को जांच के दौरान उनके घर से फूटी कौड़ी नहीं मिली है। जबरन फंसाया गया है। नगरीय निकाय चुनाव को देखते हुए यह कार्रवाई की गई है। इसके पीछे भाजपा का हाथ है।