
रायपुर : चुनाव के लिए फॉर्म लेने पर ही दावेदार को किडनैप करने का मामला सामने आया है। आरोप है कि, योगेश गुरु को 2 घंटे तक बंधक बनाकर रखा और गाली-गलौज कर पिटाई की। योगेश का कहना है कि, उनके चाचा खुशवंत विधायक हैं, उन्हें और गुरु परिवार को भी गालियां दी गई।
ये आरोप टिकेश्वर मनहरे और उनके साथी पर लगे हैं। टिकेश्वर मनहरे खुद जनपद पंचायत तिल्दा के उपाध्यक्ष हैं। अब टिकेश्वर मनहरे ने इस FIR को फर्जी बताया है। साथ ही जांच कर झूठी शिकायत को दर्ज करने की बात भी कही है।
योगेश गुरु गोसाई ने तिल्दा थाने में शिकायत दर्ज करवाई। जिसमें उन्होंने पुलिस को बताया कि वह मूल रूप से खरोरा का रहने वाला है। अपने समर्थकों के साथ जनपद पंचायत क्षेत्र क्रमांक 18 से चुनाव लड़ने के लिए जनपद पंचायत कार्यालय फॉर्म लेने गया हुआ था। दोपहर करीब 1 बजे उसने फॉर्म लिया। कुछ देर बाद उसे टिकेश्वर उर्फ सोनू मनहरे और राहुल डहरिया ने चुनाव नहीं लड़ने की बात कही।
योगेश ने आगे बताया कि, आरोपियों ने उसे चुनाव लड़ने से रोकते हुए मारना पीटना शुरू कर दिया। फिर उसे जबरदस्ती अपनी कार तक लेकर गए और पीटते हुए बैठा लिया। उन्होंने करीब 2 घंटे तक बंधक बनाकर रखा। इस दौरान उससे गाली गलौज करते हुए मोबाइल फोन छीन लिया।
आरोप है कि टिकेश्वर मनहरे ने योगेश का नामांकन फॉर्म भी फाड़ दिया और कहा कि दोबारा चुनाव लड़ने पर पूरे परिवार को खत्म कर देगा। योगेश गुरु ने बताया कि इस दौरान आरोपियों ने मेरे चाचा खुशवंत साहेब को भी गाली दी।
राजनीतिक मामले के चलते तिल्दा नेवरा थाने में शनिवार देर रात जमकर बवाल भी हुआ। आरोपियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज को लेकर दोनों गुटों ने हंगामा हुआ। टिकेश्वर मनहरे खुद बीजेपी के प्रदेश किसान मंत्री वेदराम मनहरे के ही भाई हैं।
वेदराम का कहना है कि, इस मामले में पुलिस में झूठी एफआईआर दर्ज करवाई गई है। योगेश गुरु और हम लोग एक ही गांव के हैं। टिकेश्वर और उसके बीच किसी प्रकार का कोई विवाद नहीं है। FIR में लिखी गई पूरी कहानी झूठी है। वेद राम ने कहा कि हमने भी थाने में इस फर्जी FIR को रद्द करने और आरोपियों पर कार्रवाई करने के लिए आवेदन दिया है।