भारत में अवैध घुसपैठ पर कसेगा शिकंजा! जानें बिना वीजा-पासपोर्ट एंट्री पर कानून कितना सख्त हो जाएगा

नई दिल्ली
बिना वीजा और पासपोर्ट के भारत में प्रवेश करने वालों को जल्द ही कड़ी सजा का सामना करना पड़ सकता है. केंद्र सरकार एक सख्त कानून लाने की तैयारी में है, जिसके तहत अवैध रूप से प्रवेश करने वाले विदेशी नागरिकों को पांच साल तक की जेल और 5 लाख रुपये तक के जुर्माने का प्रावधान किया जाएगा. यह विधेयक संसद के बजट सत्र में पेश किए जाने की संभावना है. इस बिल का नाम- द इमिग्रेशन एंड फॉरेनर्स 2025 है.
द हिंदू की एक खबर के मुताबिक ये पहली बार होगा कि किसी विदेशी नागरिक के भारत में प्रवेश या प्रवास को राष्ट्रीय सुरक्षा और संप्रभुता के लिए खतरा बताकर रोका जा सकेगा. इतना ही नहीं, अगर किसी विदेशी का किसी दूसरे देश से विशेष संबंध है, तो उसे भी भारत में प्रवेश से रोका जा सकता है. नए कानून के तहत इमिग्रेशन अधिकारी का फैसला अंतिम और बाध्यकारी हो सकता है. इससे पहले भी विदेशी नागरिकों को एंट्री से रोका जाता था, लेकिन किसी कानून या नियम में यह स्पष्ट रूप से दर्ज नहीं था. अब यह प्रावधान कानूनी रूप से दर्ज होने की संभावना है, जिससे इमिग्रेशन प्रक्रिया और सख्त हो सकती है.
फर्जी दस्तावेजों पर सख्त कार्रवाई
अगर कोई विदेशी नागरिक फर्जी दस्तावेजों का उपयोग करके भारत में प्रवेश करता है, तो उसे न केवल देश से बाहर निकाला जा सकता है, बल्कि उसे दो साल की जेल की सजा भी हो सकती है, जिसे बढ़ाकर सात साल तक किया जा सकता है. साथ ही, 1 लाख रुपये से 10 लाख रुपये तक का जुर्माना भी लगाया जा सकता है.
4 कानूनों को मिलाकर बनेगा नया कानून
वर्तमान में इमिग्रेशन और विदेशियों से संबंधित अलग-अलग चार कानून लागू हैं, जिन्हें एक नए व्यापक कानून में शामिल करने की योजना है. ये नए नियम ‘इमिग्रेशन और फॉरेनर एक्ट, 2025’ के तहत आएंगे. इसके तहत निम्नलिखित कानूनों को मिलाया जाएगा- फॉरेनर्स एक्ट, 1946, पासपोर्ट एक्ट, 1920, फॉरेनर्स रजिस्ट्रेशन एक्ट, 1939 और इमिग्रेशन (करियर लायबिलिटी) एक्ट, 2000. नए कानून लागू होने के बाद इन चारों पुराने कानूनों में संशोधन कर एक व्यापक कानून बनाया जाएगा, जिससे विदेशी नागरिकों की निगरानी और देश की सुरक्षा को मजबूत किया जा सके.
वर्तमान में क्या है सजा का प्रावधान?
वर्तमान में, अवैध रूप से भारत में प्रवेश करने वालों को अधिकतम पांच साल की सजा और जुर्माना लगाया जाता है. अगर कोई व्यक्ति फर्जी पासपोर्ट के साथ भारत आता है, तो उसे अधिकतम आठ साल की सजा और 50 हजार रुपये तक का जुर्माना हो सकता है.
नए विधेयक के महत्वपूर्ण प्रावधान
विदेशी छात्रों और मरीजों की जानकारी होगी दर्ज: नए कानून के तहत, जो भी विदेशी छात्र भारत में उच्च शिक्षा या किसी यूनिवर्सिटी में प्रवेश लेता है, उसकी जानकारी विदेशी नागरिकों के पंजीकरण अधिकारियों (Foreigners Registration Officers) के साथ साझा की जाएगी. यह प्रावधान उन अस्पतालों, नर्सिंग होम और मेडिकल संस्थानों पर भी लागू होगा, जहां विदेशी नागरिकों के रहने की सुविधा उपलब्ध है.
वीजा नियमों का उल्लंघन करने पर सजा: अगर कोई विदेशी व्यक्ति तय वीजा अवधि से अधिक समय तक भारत में रहता है, वीजा नियमों का उल्लंघन करता है या किसी प्रतिबंधित क्षेत्र में जाता है, तो उसे तीन साल तक की सजा या तीन लाख रुपये का जुर्माना (या दोनों) भुगतना पड़ सकता है.
बिना वैध दस्तावेज के प्रवेश पर जिम्मेदारी तय होगी: अगर किसी विदेशी नागरिक के पास वैध वीजा या पासपोर्ट नहीं है, तो उसे भारत लाने वाले व्यक्ति को भी जिम्मेदार ठहराया जाएगा. इमिग्रेशन अधिकारी ऐसे व्यक्ति पर 5 लाख रुपये तक का जुर्माना लगा सकते हैं.
फॉरेनर्स की एंट्री और मूवमेंट पर निगरानी: प्रस्तावित विधेयक के तहत केंद्र सरकार को यह अधिकार होगा कि वह किसी विदेशी नागरिक की भारत में एंट्री पर रोक लगा सके, उसे भारत छोड़ने का आदेश दे सके, किसी विशेष क्षेत्र में जाने से रोक सके और उसका बायोमेट्रिक डेटा दर्ज कर सके.
इस नए कानून से भारत की सीमाओं की सुरक्षा को और अधिक मजबूत किया जा सकेगा. अवैध रूप से प्रवेश करने वालों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई से देश में सुरक्षा तंत्र को प्रभावी बनाया जा सकेगा और वीजा नियमों का उल्लंघन करने वालों पर नकेल कसी जा सकेगी.