जांजगीर-चांपा: जल स्रोत का पता नहीं, बना दिये लाखों रुपये की पानी टंकी

अब तक पांच जगहों पर खोदे गये बोर से एक बूंद पानी नहीं
मामला बहेराडीह गांव का…जल जीवन मिशन हुई फ्लॉप
जांजगीर-चांपा
बहेराडीह गांव में जल स्तर काफी नीचे होने के कारण यहाँ की हैंडपंपों और बोर से पर्याप्त मात्रा में लोगों को पानी नहीं मिलती। फिर भी केंद्र सरकार की महत्वाकांक्षी योजना के तहत गलत जगह पर लाखों रुपये की लागत से पानी का स्रोत का पता लगाए बिना ही पानी टंकी का निर्माण करके शासन को चूना लगाया गया है और अब गांव में जगह जगह पानी का स्रोत खोजा जा रहा है। अब तक पीएचई विभाग ने पांच बोर का खनन कराया। मगर एक भी बोर से एक बूंद पानी नहीं निकला। ऐसे में यहाँ पर जल जीवन मिशन के तहत नलजल प्रदाय योजना अंतर्गत निर्मित पानी टंकी और घर घर में दी गई नल कनेक्शन कौड़ी काम का नहीं है।बलौदा विकासखंड अंतर्गत ग्राम पंचायत जाटा के आश्रित ग्राम बहेराडीह में करीब चार साल पहले ही पीएचई विभाग के द्वारा जल जीवन मिशन अंतर्गत जल प्रदाय योजना के तहत शासकीय प्राथमिक स्कूल परिसर में लाखों रुपए की लागत से पानी टंकी का निर्माण कार्य किया गया है। इतना ही नहीं बल्कि गांव में प्रत्येक घरों में नल कनेक्शन और चबूतरों का निर्माण भी कराया गया है। लेकिन इस गांव में जल स्रोत की स्थिति के बारे में संबंधित अधिकारियों ने कभी विचार ही नहीं किया और बना दिये लाखों रुपए की लागत से पानी टंकी, बिछा दिये घरों घर नल कनेक्शन। ग्रामीणों का सीधा आरोप है कि यहाँ पर बिना पानी का स्रोत का पता लगाए बगैर लाखों रुपए की लागत से गलत जगह पर पानी टंकी निर्माण और प्रत्येक घरों में नलजल कनेक्शन दिए जाने का काम करना पैसे कमाने का ढकोसला है। ऐसे जवाबदार विभाग के संबधित लोगों पर कार्यवाही होना चाहिए। जिन्होंने आम जनता के पैसे का नियम विरुद्ध गलत तरीके से बिना प्लान के खर्च करके शासन की छवि को धूमिल किया गया है। ग्रामीणों ने बताया कि पीएचई विभाग के अधिकारी और ठेकेदार पानी का स्रोत पता लगा रहे हैं और जगह जगह बोर खनन करके खुला छोड़ रहे हैं। विभाग के इस तरह की काम का विरोध करते हुए खुला बोर को तत्काल बंद करने की मांग पर अड़ गए। तभी असफल बोर को बंद किया गया है।
हाल ही में मार्च महीने के आखिरी सप्ताह में गांव में पीएचई विभाग ने पानी टंकी को पानी से भरने और नलजल कनेक्शन के माध्यम से घरों घर पानी प्रदाय करने के उद्देश्य से बोर खनन कराया गया। लेकिन पांच सौ फीट गहराई खुदाई होने के बाद भी एक बूंद पानी नहीं निकला। इससे पहले भी चार साल के भीतर पांच बार खनन किया जा चुका है लेकिन सभी बोर असफल रहा।
जितेंद्र कुमार यादव, उपसरपंच, ग्राम बहेराडीह।