एनएसयूआई ने निकाली भ्रष्टाचार की बारात: इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय में करोड़ों के घोटाले का लगाया आरोप

रायपुर। छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर में एनएसयूआई ने 2 जून सोमवार को भ्रष्टाचार की बारात निकाली गई। यह भ्रष्टाचार बारात विश्वविद्यालय के प्रशासनिक भवन से लगभग आधे किलोमीटर दूर से प्रारंभ होकर मुख्य द्वार तक पहुंची और इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय के निर्माणाधीन बायोटेक इनक्यूबेशन सेंटर में करोड़ों रुपये के घोटाले का आरोप लगाते हुए अनोखे अंदाज़ में विरोध प्रदर्शन किया।
इस बारात में कुलपति का मुखौटा पहनकर एक व्यक्ति को घोड़े पर बिठाया गया। कार्यकर्ताओं ने ढोल-नगाड़ों के साथ नाचते हुए सांकेतिक बारात निकाली है। इसके साथ ही कृषि मंत्री रामविचार नेताम, डिप्टी सीएम अरूण साव और ओ पी चौधारी का मुखौटा पहनकर एक व्यक्ति ने दहेज में नकली नोटों से भरा सूटकेस सौंपा दिया। इसके बाद कुलपति भ्रष्टाचार की बहू से सांकेतिक शादी कराई गई। यह प्रदर्शन विश्वविद्यालय में व्याप्त भ्रष्टाचार और प्रशासनिक अनियमितताओं के खिलाफ तीखा व्यंग्य था।
कुलपति और ठेकेदारों के बीच मिलीभगत की आशंका
इस अवसर पर एनएसयूआई ने गंभीर आरोप लगाए है। बायोटेक इनक्यूबेशन सेंटर के निर्माण में ठेके और भुगतान में भारी अनियमितता। इसके साथ ही कार्य को लोक निर्माण विभाग के माध्यम से कराने के बजाय निजी तौर पर, नॉन-एसओआर दरों पर मनमाना भुगतान। निर्माण कार्य अभी भी अधूरा, अनुमानित लागत से करोड़ों रुपये अधिक भुगतान। विश्वविद्यालय की विभिन्न खरीद प्रक्रियाओं में 30–40% तक कमीशन की वसूली का आरोप। कुलपति और ठेकेदारों के बीच संदिग्ध संबंध और मिलीभगत की आशंका।
जांच नहीं हुई तो करेंगे उग्र आंदोलन
एनएसयूआई प्रदेश प्रभारी महामंत्री हेमंत पाल ने कहा कि, यह भ्रष्टाचार केवल आर्थिक नहीं बल्कि शैक्षणिक नैतिकता पर भी हमला है। विश्वविद्यालय जैसे पवित्र संस्थान में जब भ्रष्टाचार खुलकर नाचता है, तब छात्र चुप नहीं रह सकते। हमने ‘भ्रष्टाचार की बारात’ निकालकर यह स्पष्ट संदेश दिया है कि, अब एनएसयूआई इस लूट की शादी में शरीक नहीं, बल्कि इसके खात्मे की लड़ाई में आगे है। अगर कुलपति को तुरंत बर्खास्त नहीं किया गया और निष्पक्ष जांच नहीं हुई, तो हम उग्र आंदोलन करेंगे।