देश

कमला नेहरू हॉस्पिटल में लगी आग: 12 साल बाद गूंजी किलकारी आग में दबी, 7 घंटे चीखती रही मां-मेरा बच्चा बाहर निकाल दो, सुबह डॉक्टर ने दिखाई लाश

भोपाल

हमीदिया कैंपस के कमला नेहरू हॉस्पिटल में लगी आग ने इरफाना की भी गोद उजाड़ दी। शादी के 12 साल बाद 2 नवंबर को उन्होंने बच्चे को जन्म दिया था। बच्चे को सांस लेने में दिक्कत थी, इसीलिए उसे यहां एडमिट कराया गया था। सोमवार रात 9 बजे आग लगने के बाद परिजन को अस्पताल के अंदर नहीं जाने दिया गया। बाहर खड़े होकर चीखते-चिल्लाते रहे। सुबह चार बजे अस्पताल का बाहरी गेट खुला। चार बच्चों के शव दिखाए। इनमें से एक बच्चा इरफाना का था। अपने जिगर के टुकड़े को इस हालत में देख वह बेसुध हो गई। अस्पताल के बाहर बैठकर रोती रहीं। इसके बाद परिजन उन्हें अस्पताल से मायके गौतम नगर लेकर गए। DIG बंगले के पास गौतम नगर (भोपाल) की रहने वाली इरफाना (29) की शादी 12 साल पहले नसरुल्लागंज निवासी जूता व्यापारी रईस खान से हुई थी। इरफाना की बहन फरजाना ने बताया कि 2 नवंबर को इरफाना की नॉर्मल डिलीवरी हुई थी। बच्चे को सांस लेने में दिक्कत होने की वजह से कमला नेहरू अस्पताल में भर्ती कराया था। सोमवार रात जब आग लगी, तो इरफाना को अस्पताल से बाहर कर दिया गया। सुबह 4 बजे बच्चे की मौत की जानकारी दी गई। बहन के मुताबिक बच्चे को जन्म देने के बाद से इरफाना की हालत वैसे भी ठीक नहीं थी। वह आग लगने के बाद कमला नेहरू अस्पताल के बाहर बैठी रहीं। बार-बार परिजन से कहती रहीं कि मुझे मेरा बच्चा दिखा दो। परिजन दिलासा देते रहे कि बच्चा ठीक है। कई घंटे इंतजार के बाद इरफाना को बच्चे का शव दिखाया गया। शव देखकर वह चीख-चीखकर रोने लगी।

Related Articles

Leave a Reply