रायपुर

IPS जीपी सिंह मामला : सुप्रीम कोर्ट ने राहत देने से किया इनकार, अब सिर्फ दो ही रास्ते- गिरफ्तारी या सरेंडर…!

रायपुर : प्रशासनिक गलियारे में बहुचर्चित आईपीएस जीपी सिंह मामले में सुप्रीम कोर्ट ने भी राहत देने से इनकार कर दिया है. देश की सर्वोच्च अदालत ने पुलिसिया कार्रवाई से बचने के लिए किए गए आवेदन को रिजेक्ट कर दिया है. जीपी सिंह के वकीलों ने पहले ये आवेदन बिलासपुर हाईकोर्ट में दिया था, वहां बात नहीं बनी तो मामला सुप्रीम कोर्ट पहुंचा था. अब सुप्रीम कोर्ट ने भी इस मामले में राहत देने से इनकार कर दिया है. बता दें कि जीपी सिंह सस्पेंड चल रहे हैं. छत्तीसगढ़ ACB के चीफ रह चुके IPS जीपी सिंह पर राज्य सरकार राजद्रोह, आय से अधिक संपत्ति का केस कर चुकी है. जीपी सिंह के वकील आशुतोष पांडे ने बताया कि सोमवार शाम तक सुप्रीम कोर्ट की तरफ से स्पष्ट आदेश की कॉपी उन्हें मिल जाएगी. दिल्ली और हाईकोर्ट में हाइप्रोफाइल वकीलों की टीम पुलिस के एक्शन से जीपी सिंह को बचाने के लिए पूरा जोर लगाए हुए हैं. अब सुप्रीम कोर्ट के राहत से इनकार के बाद जीपी सिंह की मुश्किलें बढ़ सकती हैं. जीपी सिंह की गिरफ्तारी या सरेंडर की चर्चा एक बार फिर जोरों पर है. अक्टूबर के महीने में CJI एनवी रमना ने जीपी सिंह मामले में सुनवाई करते हुए कहा था कि आप हर मामले में सुरक्षा नहीं ले सकते, आपने पैसा वसूलना शुरू कर दिया, क्योंकि आप सरकार के करीब हैं. यही होता है अगर आप सरकार के करीब हैं और इन चीजों को करते हैं तो आपको एक दिन वापस भुगतान करना होगा. CJI रमना ने आगे कहा कि जब आप सरकार के साथ अच्छे हैं, आप वसूली कर सकते हैं, लेकिन अब आपको ब्याज के साथ भुगतान करना होगा. कोर्ट ने कहा था कि यह बहुत ज्यादा हो रहा है. हम ऐसे अधिकारियों को सुरक्षा क्यों दें? यह देश में एक नया ट्रेंड है, उन्हें जेल जाना होगा. 1 जुलाई की सुबह 6 बजे ACB-EOW की टीमों ने रायपुर, राजनांदगांव और ओडिशा में एक साथ छापा मारा. जीपी सिंह पर FIR दर्ज की गई. दूसरे दिन शुक्रवार को दिन भर की जांच के बाद 5 करोड़ की चल-अचल संपत्ति का खुलासा हुआ. 10 करोड़ की संपत्ति मिलने और इसके बढ़ने की आधिकारिक जानकारी दी गई. रायपुर में एक युवक से मारपीट, भिलाई में सरेंडर करने वाले नक्सल कमांडर से रुपयों का लेन-देन, रायपुर में एक केस में आरोपी की मदद का इल्जाम भी जीपी सिंह पर लगा है. इन पुराने केस की फिर से जांच की जा रही है. इन तमाम मामलों के बीच 5 जुलाई को राज्य सरकार ने ADG जीपी सिंह को एक आदेश पत्र में यह लिखते हुए निलंबित कर दिया कि एक अफसर से ऐसी अपेक्षा नहीं थी.

Related Articles

Leave a Reply