जांजगीर: जिला पंचायत सदस्य ने प्लांट के खिलाफ सौंपा ज्ञापन…पर्यावरण विभाग ने ठोका 27 लाख 90 हजार का जुर्माना…पढ़े पूरी खबर….

- मामला शांति जीडी पावर प्लांट द्वारा गौठान में राखड़ डम्प करने का
जांजगीर-चांपा
क्षेत्र की समस्याओं को लेकर लगतार आवाज उठाते आ रहे जिला पंचायत सदस्य श्रीमती उमा राजेन्द्र राठौर के ज्ञापन पर कलेक्टर के निर्देश पर पर्यावरण अधिकारी ने पर्यावरण सुरक्षा अधिनियम का उल्लंघन पाये जाने पर 27 लाख 90 हजार का जुर्माना ठोका है। कुछ ही दिनों पहले अपनी आवाज बुलंद करते हुए जिला प्रशासन को चक्का जाम की चेतावनी दी थी।
आपकों बता दें कि शांति जीडी पावर प्लांट के द्वारा ग्राम कुरदा के गौठान में फ्लाई ऐश एकत्रित कर रखा गया है। जिसकी शिकायत होने पर पर्यावरण विभाग द्वारा जांच की गई, जांच सही पाया गया। जो जिला प्रशासन के दिशा निर्देश के विपरीत कार्य किया जाना पाया गया है। पर्यावरण विभाग ने पंचनामा तैयार कर प्रशासन को कार्रवाई के लिए सौंप दिया है। उल्लेखनीय है कि पर्यावरण विभाग ने 27 सितम्बर 2021 को मौके पर पंचनामा तैयार किया गया जिसके बाद पर्यावरण विभाग ने दिनांक 29/09/2021 को पत्र के माध्यम से नोटिस जारी किया जिसमें स्पष्ट रूप से पर्यावरण विभाग द्वारा शांति जीडी इस्पात को ग्राम में बन रहे गौठान से जल्द से जल्द पर्यावरण संरक्षण अधिनियम के अनुरूप कार्य करने के लिए निर्देशित किया गया लेकिन उसके बावजूद भी प्रबंधक द्वारा पर्यावरण अधिनियम का उल्लंघन किया जा रहा था जिस पर जिला पंचायत सदस्य श्रीमती उमा राजेंद्र राठौर ने कलेक्टर को अवगत कराया जिस पर संज्ञान लेते हुए पर्यावरण संरक्षण मंडल बिलासपुर को निर्देशित करते हुए शांति जीडी इस्पात के द्वारा पर्यावरण संरक्षण अधिनियम का उल्लंघन करने के संबंध में उचित कार्यवाही करने के लिए आदेश दिया जिस पर क्षेत्रीय पर्यावरण अधिकारी द्वारा 29/12/2021 निरीक्षण किया गया। निरीक्षण के दौरान परियोजना द्वारा फ्लाई ऐश डंपिंग स्थल पर फ्लाई ऐश का अपवहन प्लाई ऐश अधिसूचना 1999 (यथासंशोधित) के प्रावधानों के अनुसार नहीं पाया गया। साथ ही बारिश की वजह से पलाई ऐश आस – पास के क्षेत्र में फैला हुआ पाया गया जिसे देखते हुए पर्यावरण अधिकारी ने तथ्यों को दृष्टिगत रखते हुए माननीय राष्ट्रीय हरित अधिकरण प्रिंसिपल बेंच , नई दिल्ली द्वारा प्रकरण ओ.ए. नं . 606/2018 में पारित आदेश दिनांक 16/01/2019 एवं दिनांक 30 / 04 / 2019 तथा केन्द्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड , दिल्ली द्वारा जारी मार्गदर्शिका के अनुसार उद्योग पर रूपये 27,90,000 / ( रूपये सत्ताईस लाख नब्बे हजार मात्र ) पर्यावरणीय क्षतिपूर्ति ( Environmental Compensation ) अधिरोपित किया गया पर्यावरणीय क्षतिपूर्ति ( Environmental Compensation ) विभाग ने 15 दिवस के भीतर Member Secretary ( EC ) CECB , Raipur के नाम से डिमांड ड्राफ्ट प्रेषित करने का निर्देशित करते हुए चेतावनी भी दिए अगर निर्धारित समय सीमा में उद्योग द्वारा राशि जमा न किये जाने की स्थिति में उद्योग के विरुद्ध जल प्रदूषण निवारण तथा नियंत्रण ) अधिनियम , 1974 एवं वायु प्रदूषण निवारण तथा नियंत्रण ) अधिनियम , 1981 की सुसंगत धाराओं के अंतर्गत विद्युत विच्छेदन / उत्पादन बंद किये जाने की कार्यवाही की जायेगी।