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वक्फ बिल पर विपक्ष का हंगामा, मल्लिकार्जुन खरगे बोले- जेपीसी रिपोर्ट फर्जी, दोबारा पेश करने की मांग

नई दिल्ली

संसद के बजट सत्र के पहले चरण का आज अंतिम दिन था, लेकिन ये सत्र भी भारी हंगामे की भेंट चढ़ गया. राज्यसभा में BJP सांसद मेधा कुलकर्णी ने वक्फ बिल पर संयुक्त संसदीय समिति (JPC) की रिपोर्ट पेश की, जिसके बाद विपक्षी दलों ने इस पर तीखी प्रतिक्रिया दी. विपक्ष का आरोप है कि इस रिपोर्ट में उनकी असहमति को जानबूझकर हटा दिया गया है, जिससे ये पूरी तरह असंवैधानिक हो गई है.

राज्यसभा में नेता प्रतिपक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने JPC रिपोर्ट को लेकर कड़ी नाराजगी जताई. उन्होंने कहा कि ये रिपोर्ट विपक्ष की आपत्तियों को दरकिनार कर तैयार की गई है जो संसदीय प्रक्रिया का उल्लंघन है. खरगे ने रिपोर्ट को “फर्जी” करार देते हुए इसे दोबारा पेश करने की मांग की. उन्होंने सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा कि विपक्ष की आवाज को दबाया जा रहा है और उनकी असहमति वाले नोट्स को जानबूझकर हटाया गया है.

जेपीसी रिपोर्ट को लेकर दो पक्षों में बंटे सांसद

जेपीसी ने 30 जनवरी को 655 पन्नों की ड्राफ्ट रिपोर्ट लोकसभा अध्यक्ष ओम बिड़ला को सौंपी थी. रिपोर्ट पर 16 सदस्यों ने सहमति जताई जबकि 11 सदस्यों ने इसका विरोध किया. विपक्षी सांसदों का कहना है कि रिपोर्ट में कई अहम आपत्तियों को शामिल नहीं किया गया है, जिससे इसका निष्पक्ष होना संदेह के घेरे में आ गया है. विपक्षी दल इसे संसदीय प्रक्रिया के खिलाफ बता रहे हैं और दोबारा संशोधित रिपोर्ट पेश करने की मांग कर रहे हैं.

लोकसभा में विपक्ष का हंगामा

इस मुद्दे को लेकर विपक्षी दलों ने लोकसभा में भी जमकर हंगामा किया. विरोध की वजह से लोकसभा की कार्यवाही केवल कुछ मिनट ही चल सकी, जिसके बाद इसे दोपहर 2 बजे तक स्थगित कर दिया गया. विपक्ष ने साफ कर दिया है कि वे इस मुद्दे को संसद के अगले चरण में भी उठाएंगे और सरकार से जवाब मांगेंगे. वहीं सरकार ने कहा है कि रिपोर्ट पूरी तरह पारदर्शी तरीके से तैयार की गई है और इसमें संसदीय नियमों का पालन किया गया है.

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