लाल आतंक: नक्सली खौफ से अबुझमाड़ की 5 पंचायतों में नहीं है सरपंच
नारायणपुर
अबुझमाड़ की पांच ग्राम पंचायतों में नक्सलियों की ग्रामीणों में ऐसी दहशत है कि यहां कोई सरपंच बनना नहीं चाहता। ओरछा विकासखंड की 5 ग्रामपंचायतों में डेढ़ साल से सरपंच का पद खाली पड़ा है। बता दें कि त्रि-स्तरीय पंचायत चुनाव के दौरान नक्सलियों ने फरमान जारी किया था कि अगर कोई नामांकन दाखिल करता है तो उसे मौत के घाट उतार दिया जाएगा। इसी वजह से ओरछा ब्लॉक की 36 पंचायतों में से 5 पंचायतों में किसी ने नामांकन नहीं भरा। अबुझमाड़ ओरछा ब्लॉक की कस्तूरमेटा कोडोली, आदेर, गोमागाल, रेकवाया और पांगुड ग्रामपंचायत में सरपंच का पद रिक्त है।
अब इन पंचायतों में सरपंच का पद रिक्त होने के कारण शासकीय कार्य सम्पन्न कराने के लिए प्रशासनिक अधिकारियों को सरपंच का प्रभार सौंपा गया है। इनके हस्ताक्षर से ही शासकीय कार्यों का निपटारा किया जा रहा है। लेकिन सरपंच प्रभार वाले प्रशासनिक अधिकारी जिला मुख्यालय में बैठने के कारण ग्रामीणों को हस्ताक्षर करवाने के लिए यहां आना पड़ता है। ग्रामीणों को मीलों का सफर पैदल तय कर आने में तो परेशानी होती ही है, साथ ही उनका वक्त भी खराब होता है।
ओरछा तहसीलदार केतन भोयर ने कहा, ओरछा ब्लॉक की 5 ग्रामपंचायत में सरपंच का पद रक्त होने के कारण इन पंचायतों में उपनिर्वाचन होना था। लेकिन, कोरोना संक्रमण को ध्यान में रखकर शासन ने उपनिर्वाचन कार्य अभी स्थगित कर दिया है। शासन के आदेशानुसार आगे उपनिर्वाचन की प्रक्रिया की जाएगी।