देश में नशा मुक्ति का संदेश देने दो युवक साइकिल पर ही भारत भ्रमण के लिए निकले: भारत सहित प्रदेश सरकार से भी पूर्ण शराब बंदी की मांग करेंगे
जांजगीर चांपा
नशामुक्ति का संदेश देने के लिए छत्तीसगढ़ के जांजगीर चांपा जिले के दो युवक साइकिल पर ही भारत भ्रमण के लिए निकले गए हैं. दोनों युवक का एकमात्र उद्देश्य है कि बर्बाद हो रही युवा पीढ़ी को बचाने के लिए पूरे भारत भर के जिले में पहुंचकर उसे जागरूक कर बचाना उन लोगों का मुख्य उद्देश्य है. जांजगीर-चांपा जिले के गांव जाटा के अमर पाटले 25 वर्ष व सक्ती जिले के देवगांव निवासी हेमकुमार आजाद 26 वर्ष के घर परिवार व आसपास नशा को लेकर ऐसा हुआ कि कई घर बर्बाद हो गया वहीं कई लोग दिव्यांग हो गए. यह अमर व हेमकुमार को नागवार गुजरा और नशामुक्ति के लिए साइकिल पर ही पूरे भारत भ्रमण करने का फैसला ले लिया हैं.
घर से 09 मई को निकले है अब तक 17 जिलों की यात्रा कर चुके है. साथ ही हर जिले में जाकर लोगों को जागरूक कर रहे हैं कि नशा करना जानलेवा हैं, इससे दूर हैं. इसके अलावा भारत सहित प्रदेश सरकार से भी पूर्ण शराब बंदी की मांग करेंगे. भारत भ्रमण के लिए दोनों जिले के नौजवान 09 मई को निकल भी चुके हैं. सक्ती से रायगढ़, उड़ीसा के रास्ते अभी दोनों विजयवाड़ा (आंध्रप्रदेश) पहुंचे चुके हैं. इस दौरान 17 जिले का सफर कर चुके हैं. इन सभी जिलों में जाकर दोनों युवक आम लोगों से मिल रहे हैं, साथ ही कई संगठन या जनप्रतिनिधि से मिलकर नशामुक्ति का संदेश दे रहे हैं.
अमर ने बताया हैं कि मेरा कोई एनजीओ संस्था नहीं है और ना ही किसी संस्था का सदस्य हूं समाज में बढ़ती नशाखोरी को देखते हुए पूरे भारत में यात्रा करने का निर्णय लिए हैं. आज यात्रा के इतने दिनो में लगभग 1200 से ज्यादा किलोमीटर का यह सफर तय कर चुके हैं. आगे पूरे भारत के प्रत्येक जिला का भ्रमण करेंगे. इसमें विशेष युवा वर्ग फोकस हैं, जो नशा की ग्रस्त में नहीं गए हैं. उन्हें रोकना ही हमारा लक्ष्य है इसलिए स्कूल, आम लोगों व संस्था में जाकर युवाओं को जागरूक किया जा रहा हैं, ताकी वह भविष्य में नशा ना करें और आगे अच्छे इंसान बनकर देश व समाज के प्रति जिम्मेदारी निभाएं साथ ही इसके होने वाली हानियां भी बताते हैं. उन्होंने बताया कि विशाखापट्नम से होते हुए रामेश्वरम फिर गोवा, केरला, मुंबई होकर दिल्ली पहुंचना है. यहां सरकार तक बात पहुंचाने के लिए जंतर-मंतर में सप्ताह भर तक धरना प्रदर्शन करेंगे.
पिता के मौत के बाद भी नहीं हारा हिम्मत…
अमर पाटले 9 मई को नशामुक्ति के लिए भारत भ्रमण पर जाने के लिए अपने एक साथी के साथ निकले थे कि उसके 15 दिन बाद ही 24 मई को उड़ीसा के ब्रह्मपुर पहुंचे थे तब उसके पिता की मौत की खबर उसकी मिली. खबर सुनकर अमर सन्न रह गए. वह तत्काल ट्रैन से वापस अपने गांव जाटा पहुंचे. गांव में अपने पिता की अंतिम संस्कार सहित अन्य कार्यक्रम को पूरी नियम अनुसार संपन्न कराया. इसके बाद भी वह हिम्मत नहीं हारा और फिर पूरी हिम्मत और जुनून के साथ 4 जून को नशामुक्ति के लिए भारत भ्रमण पर निकल गया हैं.
साथ रहता है टेंट और खाने का सामान…
हेमकुमार आजाद ने बताया कि रहने के टेंट, खाना, पीना के सामान लेकर साइकिल पर चल रहे हैं जहां जगह मिलता है खाना बनाकर खा लेते हैं अभी भारत भ्रमण आधा तक नहीं हुआ है और साइकिल, टेंट सहित खाना, पीना लेकर 50 से 60 हज़र रुपए खर्चा हो गया है सरकार सहित कही से कोई सहयोग अब तक प्राप्त नहीं हुआ है पूरे भारत भ्रमण में लगभग सालभर का समय लग जाएगा.
इसलिए नशामुक्ति के लिए भारत भ्रमण पर निकले युवा…
अमर बताते हैं कि नशा कई अपराध और बनी बनाई प्रतिष्ठा को खत्म कर देताा हैं मेरे गांव में एक परिवार हैं उसके दो बेटे है, दोनों नशेड़ी है नशा इस कदर हावी हुआ कि आज 20 एकड़ जमीन से 01 एकड़ जमीन पर परिवार आ गया हैं साथ ही आसपास के कई लोगों की नशे के कारण मौत भी हो गई इसी तरह आसपास अन्य कई परिवार नशे के कारण बर्बाद कर हो चुके हैं. ठीक इसी तरह जितेन्द्र का भाई भी नशे के गिरफ्त में आ गया और नशे के कारण मानसिक संतुलन ठीक नहीं रहता हैं साथ ही अन्य कई परिवार भी ऐसे हैं जो नशे के गिरफ्त में आकर बर्बाद हो चुके हैं.