कोरबा में अमित शाह कांग्रेस पर जमकर बरसे, नक्सलवाद और राममंदिर पर घेरा, दो चरणों में सौ से ज्यादा सीटें जीतने का दावा
कोरबा
कोरबा में बीजेपी की चुनाव शंखनाद रैली का आयोजन हुआ.जिसमें अमित शाह ने कांग्रेस को जमकर कोसा.अमित शाह ने राम मंदिर और नक्सलवाद के मुद्दे पर कांग्रेस को घेरा. अमित शाह ने कहा कि छत्तीसगढ़ में बीजेपी सरकार बनते ही 95 नक्सलियों को ढेर कर दिया. लेकिन कांग्रेस पार्टी के नेता भूपेश बघेल ने इसे फेक एनकाउंटर कह दिया. लेकिन आपको चिंता करने की बात नहीं है,क्योंकि यहां आपने फूल की सरकार को चुना है.इसलिए यहां से नक्सलवाद का खत्म होकर रहेगा.
राम के ननिहाल में आया हूं : अमित शाह ने कहा कि भाईयों और बहनों मैं छत्तीसगढ़ राम का ननिहाल है. ननिहाल वालों के सामने आया हूं. मैं आपसे एक बात पूछना चाहता हूं मुझे बताओ भैया अयोध्या में राम मंदिर बनना चाहिए या नहीं बनना चाहिए था. कांग्रेस पार्टी तो आज हमारे खिलाफ लड़ रही है. आपने 11 में से 9 सीटें देकर मोदी जी को दूसरी बार प्रधानमंत्री बनाया. एक पांच साल में केस भी जीता, भूमिपूजन भी किया और 22 जनवरी को प्राण प्रतिष्ठा करके जय श्री राम कर दिया.500 साल के बाद रामलला को पन्नी से निकालकर मंदिर में विराजमान किया है. 500 साल के बाद हम ऐसे भाग्यवान लोग हैं जिनके जीवन में यह दिन आया कि हमने रामलला के कपाल पर सूर्य तिलक को देखा.
”कांग्रेस पार्टी को प्राण प्रतिष्ठा के लिए निमंत्रण भेजा गया. सोनिया जी को भी भेजा, राहुल बाबा को भी भेजा, खड़गे साहब को भी भेजा. कोई कांग्रेसी रामलला के प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम के दिए गए निमंत्रण पत्र को दूर कर माइनॉरिटी के डर से वोट बैंक के डर से प्राण प्रतिष्ठा समारोह में नहीं आएं. अब ननिहाल में किस मुंह से वोट मांगने आ रहे हैं.रामलला के प्राण प्रतिष्ठा में आप तो गए नहीं. तो ऐसे कांग्रेसियों को वोट देने का क्या मतलब है.” – अमित शाह,गृहमंत्री
बीजेपी को चुने नक्सलवाद का होगा खात्मा : अमित शाह ने अपने भाषण में नक्सलवाद को खत्म करने की भी बात कही.अमित शाह ने कहा कि प्रदेश को नक्सलवाद से मुक्त कराना है.कांग्रेस की सरकार ने नक्सलवाद को बढ़ावा दिया.लेकिन जब प्रदेश में विष्णुदेव साय की सरकार आई तो नक्सलियों के खिलाफ एक्शन शुरु हुआ.गृहमंत्री विजय शर्मा के नेतृत्व में रणनीति बनीं.सरकार बनते ही अब तक 95 से ज्यादा नक्सलियों को ढेर किया गया है. लेकिन हमारे भूपेश कका ने नक्सलियों के एनकाउंटर को फेक बताकर राजनीति करने की कोशिश की. मोदी जी ने छत्तीसगढ़, झारखंड, बिहार, ओड़िसा, तेलंगाना, आंध्रप्रदेश महाराष्ट्र, मध्यप्रदेश जैसे राज्यों में नक्सलवाद को खत्म करने का संकल्प लिया है.मोदी जी को तीसरी बार आप सभी मिलकर जीताएं नक्सलवाद को खत्म करने की गारंटी हमारी है.
4 जून को भाई बहन बच जाएंगे, खड़गे जी की चढ़ेगी बलि : अमित शाह ने कहा कि ”कांग्रेस पार्टी और उनके अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे अपनी रैलियों में ये कह रहे हैं कि बीजेपी सत्ता में आई तो आरक्षण खत्म हो जाएगा.संविधान खत्म हो जाएगा, गरीबों को घर नहीं मिलेगा.मैं इतना कहना चाहता हूं कि खड़गे जी आप भाई बहन के चक्कर में आकर झूठ बोल रहे हैं. जब तक देश में मोदी जी की सरकार है ना तो गरीबों का,ना ही आदिवासियों का,ना ही पिछड़ा वर्ग का आरक्षण खत्म होगा.जो भी बातें विपक्ष के लोग कह रहे हैं,वो सिर्फ जनता को भटकाने के लिए. खड़गे जी को मैं कहना चाहूंगा कि 4 जून को जब रिजल्ट आएगा और आपकी पार्टी हार जाएगी तो इसका ठीकरा भी आपके सिर ही फूटेगा.क्योंकि दोनों भाई बहन बचकर निकल जाएंगे,लेकिन हार की जिम्मेदारी आपको अपने सिर लेनी होगी.”
कोरोना टीका को लेकर कांग्रेस को घेरा : अमित शाह ने कहा कि हमारी सरकार जो बनेगी वह गरीबों की होगी दलितों की होगी आदिवासियों की होगी. मोदी जी ने 10 साल में ढेर सारे काम किए. हर गरीब को घर दिया है. घर में नल से जल दिया है. गैस का सिलेंडर दिया है. 5 लाख तक का बीमा दिया है. हर व्यक्ति को प्रति व्यक्ति प्रतिमाह 5 किलो चावल भेजा है. शौचालय बना कर दिया है.मुश्किल घड़ी में मुफ्त में कोरोना का टीका लगवाया है.लेकिन कोरोना जैसी महामारी में भी कांग्रेस ने राजनीति की. कांग्रेस और राहुल बाबा ने लोगों से कहा कि कोरोना का टीका मत लगवाओ.लोगों को भड़काने का काम किया.लेकिन जब कोरोना फैला तो खुद अंधेरे में छिपकर अपनी बहन के साथ जाकर कोरोना का टीका लगवा लिया.ऐसा हाल है कांग्रेस का.
मोदी जी ने दो चरणों में सेंचुरी की पार : अमित शाह ने मंच से कहा कि इस बार मैं आपके सामने दो चरणों का रिजल्ट बताने जा रहा हूं. लेकिन किसी को कहना मत. अमित शाह ने दावा किया है कि दो चरणों के चुनाव में मोदी जी ने सेंचुरी मार दी है. इसलिए अबकी बार सरोज पाण्डेय को चुनकर दिल्ली भेजिए. हम आपको बोलते हैं कि आप प्रत्याशी को जिताएं हम बड़ा बना देंगे.लेकिन कोरबा की खुशकिस्मती है कि हमने पहले से ही एक बड़ा आदमी को कोरबा में भेजा है.
बीजेपी के लिए कोरबा क्यों जरूरी : आपको बता दें कि कोरबा लोकसभा में आठ विधानसभा की सीटें आती हैं. पिछली बार 2019 में कोरबा लोकसभा सीट पर कांग्रेस ने कब्जा किया था.इस सीट पर कांग्रेस की ज्योत्सना महंत सांसद बनीं थी.पूरे प्रदेश की यदि बात की जाए तो 2019 में जिन दो लोकसभा सीट पर बीजेपी को मुंह की खानी पड़ी थी,उनमें कोरबा भी थी. लिहाजा इस बार बीजेपी ने लोकसभा चुनाव में कोरबा लोकसभा सीट पर नजर गड़ाई हुई है.इस सीट को जितने के लिए बीजेपी के दिग्गज नेताओं ने यहां दौरा किया है.
आठ विधानसभा सीटों का समीकरण : कोरबा लोकसभा में आठ विधानसभाएं आती हैं.जिनमें से ज्यादातर सीटों में बीजेपी का कब्जा है. पालीतानाखार और रामपुर विधानसभा में ही बीजेपी के विधायक नहीं है.बाकी के छह विधानसभा भरतपुर सोनहत, मनेंद्रगढ़, बैकुंठपुर, कटघोरा, मरवाही और कोरबा में बीजेपी का कब्जा है.इसलिए बीजेपी ने कोरबा लोकसभा को जीतने के लिए पूरी ताकत झोंक दी है.
कोरबा लोकसभा सीट पर किनके बीच टक्कर : लोकसभा चुनाव 2019 में छत्तीसगढ़ की 11 में से 9 सीट बीजेपी ने जीती थी. कोरबा और बस्तर ही दो ऐसी सीट हैं, जहां कांग्रेस को जीत मिली थी. इस लिहाज से कोरबा लोकसभा बीजेपी के लिए एक कठिन सीट है. यहां एक बार फिर नेता प्रतिपक्ष चरण दास महंत की पत्नी ज्योत्सना महंत मैदान में हैं. भाजपा से सरोज पांडेय चुनाव लड़ रही हैं. दोनों के बीच कांटे की टक्कर का मुकाबला है. इसलिए अमित शाह के दौरे को महत्वपूर्ण माना जा रहा है. इस दौरे पर बीजेपी के साथ ही कांग्रेसियों की भी नजर टिकी हुई है. विधानसभा चुनाव में भी अमित शाह कोरबा आए थे. तब यहां से लखन लाल देवांगन प्रत्याशी थे. कठिन सीट पर लखन को जीत मिली थी. देखना होगा अमित शाह के दौरे का भाजपा को इस बार कितना फायदा मिलता है.