जांजगीर: खटोला में सड़क हादसे में एक ग्रामीण की मौत, लोगो ने किया चक्काजाम

दूसरी घटना में अंबेडकर चौक मे हाइवा ने युवा को मारी ठोकर, बिलासपुर रिफर
जांजगीर
शाम होते होते आखिर बचते बचते भी इन दैत्याकार वाहनो ने एक व्यक्ति की बलि ले ही ली है बताया जा रहा है कि अकलतरा ओव्हर ब्रिज से आगे खटोला मे एक ग्रामीण सड़क हादसे का शिकार हो गया। इस मौत से लोगो मे व्यवस्था को लेकर आक्रोश चरम पर है और लोगो ने चक्काजाम कर दिया है। मौके पर पुलिस के बड़े अधिकारी, एसडीएम, तहसीलदार प्रशासन का पूरा अमला पहुंच चुका है और लोगो को समझाइश दे रहा है लेकिन अकलतरा मे लोगो की जान हथेली मे रखने वाले अधिकारियों के प्रति लोगो का गुस्सा सातवें आसमान पर है। बताया जा रहा है कि चुरमु कंवर उमर 65 साल बरगांव के बाजार से सब्जी लेकर लौट रहा था कि उधर से एक हाइवा आकर उसे अपनी चपेट मे ले लिया। लोगो ने चक्काजाम किया जो लगभग 4 घंटे चला और आखिर लोग चक्काजाम से वापस हुए। सुबह से दूर्घटनाओ मे बचते-बचाते आखिर एक प्राण की आहूति ले ही ली। इसके पूर्व सुबह लगभग 10.00 बजे के करीब जब लोग पारस साहू के परिवार के साथ हुई घटना पर चर्चा कर ही रहे थे। कुछ घंटे बाद ही अकलतरा मे एक बड़ी दूर्घटना होते-होते बच गयी। बताया जा रहा है कि अंबेडकर चौक के पास युवक राजकुमार केवट खड़ा हुआ था और अपने ट्रेक्टर चालक से बात कर रहा था और जिस समय वह बात कर रहा था उस समय वह ट्रेक्टर की ट्राली के पास खड़ा हुआ था उसी समय तरौद की ओर से एक हाइवा आ रही थी अचानक हाइवा चालक ने ट्रेक्टर को ठोकर मारी। ट्रेक्टर को ठोकर लगने पर बात कर रहे राजकुमार केवट उम्र 24 साल को ट्राली से ठोकर लगी और वह दूर जा गिरा और बेहोश हो गया जिससे युवक को कमर और हाथ पैरो मे चोटे आयी युवक को पहले अकलतरा सी एच सी ले जाया गया लेकिन डाक्टर ने उन्हे बिलासपुर रिफर कर दिया है फिलहाल युवक खतरे से बाहर है मामला अकलतरा पुलिस ने दर्ज कर लिया है।
अकलतरा मे ओव्हरलोड गाडिया बिना तिरपाल, बिना रायलटी कटवाये फर्राटे भर रही है। इसके साथ ही बारह चक्को वाला दैत्याकार वाहन नो एन्ट्री मे दिन को दस बजे चलाये जा रहे है जबकि सुबह 6.00 बजे के बाद नगर मे भारी वाहनो का प्रवेश वर्जित है। नियमानुसार रात दस बजे के बाद ही इन वाहनो को नगर मे चलने की अनुमति है लेकिन स्थानीय प्रशासन से सांठगांठ के चलते नगर मे खुले रुप मे ये राक्षस घूम रहे है और किसी के घर का चिराग तो कभी किसी के घर की मुखिया की बली ले रहे है।