छत्तीसगढ़

गरियाबंद में आदिवासी महिला की मौत के बाद निजी अस्पताल पर एक्शन से हड़कंप

गरियाबंद

बीते दिनों गरियाबंद की एक महिला का इलाज लक्ष्मी नारायण अस्पताल में चल रहा था. यहां इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई. जिसके बाद इस हॉस्पिटल पर स्वास्थ्य विभाग ने एक्शन लिया है. अस्पताल पर इलाज में लापरवाही और बगैर किसी सीनियर डॉक्टर की राय लिए महिला का ऑपरेशन करने का आरोप लगा है. महिला की मौत के बाद मामले में स्वास्थ्य विभाग ने एक्शन लेते हुए अस्पताल को सील कर दिया है. 23 मई को निजी अस्पताल प्रबंधन को नोटिस थमाया गया था. हालांकि संतोषप्रद जवाब न मिलने पर प्रशासन ने अस्पताल को ही सील कर दिया.

जानिए क्या है पूरा मामला: दरअसल, गरियाबंद में पेट दर्द का इलाज कराने आई आदिवासी महिला की ऑपरेशन के दौरान मौत हो गई. परिजनों का आरोप है कि महासमुंद मेडिकल कॉलेज के असिस्टेंट प्रोफेसर बिना किसी डॉक्टर से राय लिए महिला का ऑपरेशन कर दिए थे. ऑपरेशन के कारण गर्भवती महिला की मौत हो गई. गर्भवती महिला गैंदी बाई की मौत 10 मई को निजी अस्पताल में हुई थी. इस पूरे केस में 22 मई को मृतका के परिजनों ने हाई लेवल जांच की मांग की थी. इस मांग को लेकर उन्होंने कलेक्टर को ज्ञापन सौंपा था. ज्ञापन में अस्पताल प्रबंधन पर लापरवाही का आरोप लगाया गया था.

स्वास्थ्य विभाग ने अस्पताल किया सील: कलेक्टर दीपक अग्रवाल के निर्देश पर सीएमएचओ गार्गी यदु ने जांच टीम गठित की. इसके बाद जांच के दौरान अस्पताल में इलाज से जुड़े सभी जरूरी दस्तावेज जब्त कर लिए गए. इस बीच 23 मई को अस्पताल प्रबंधन को नोटिस भी थमा दिया गया था. हालांकि अस्पताल की ओर से संतोषप्रद जवाब नहीं होने के कारण प्रशासन ने अस्पताल को सील कर दिया. जब्त दस्तावेज में जांच टीम को हिस्टोपैथ की जांच रिपोर्ट मिली, जिससे गैंदी बाई के गर्भवती होने की पुष्टि की गई है. साथ ही कैंसर के आरंभिक लक्षण के आधार पर बच्चे दानी का ऑपरेशन करने के बाद अंदर मिले मांस के टुकड़े को अस्पताल प्रबंधन ने जांच के लिए भेजा था.

गरियाबंद के छुरी स्थित निजी अस्पताल को शनिवार को स्वास्थ्य विभाग ने सील कर दिया है. बीते 10 मई को कुल्हाड़ीघाट निवासी आदिवासी महिला गैंदी बाई की मौत हो गई थी. मृतिका के परिजनों का आरोप है कि अस्पताल ने इलाज के दौरान लापरवाही बरती. बगैर सीनियर डॉक्टर की राय के महिला के बच्चे दानी का ऑपरेशन करने के कारण उसकी मौत हुई. परिजनों ने 22 मई को जिला प्रशासन को ज्ञापन सौंपकर कार्रवाई की मांग की थी. जांच के बाद अस्पताल को सील किया गया है.- डॉक्टर हरीश चौहान, जांच अधिकारी

दो बार पेट में लगाया गया चीरा: जांच में पाया गया कि प्रबंधन ने बगैर एक्सपर्ट के राय के ही ऑपरेशन कर दिया. वो भी एक नहीं दो बार पेट में चीरा लगाया. ऑपरेशन करने वाला डॉक्टर सिविल सर्जन महासमुंद मेडिकल कॉलेज में असिस्टेंट प्रोफेसर है. अभी टीम अन्य बिंदुओं पर जांच करेगी. वहीं, निजी अस्पताल में इलाज के दौरान लापरवाही की बात सामने आने के बाद अस्पताल को तत्काल सील कर दिया गया है. इस मामले में निजी अस्पताल के किसी भी स्टाफ और प्रबंधन ने कुछ भी कहने से इंकार कर दिया है.

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