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अग्निकुल की नजर 2025 तक सैटेलाइट को लॉन्च करने पर, चेन्नई का अंतरिक्ष स्टार्ट-अप दुनिया में रचेगा इतिहास

नई दिल्ली

अग्निबाण ‘सब-ऑर्बिटल टेक्नोलाजी डेमोंस्ट्रेटर (एसओआरटीईडी)’ के सफल परीक्षण उड़ान के बाद चेन्नई का अंतरिक्ष स्टार्ट-अप ‘अग्निकुल कॉसमॉस’ अगले साल की शुरुआत में सैटेलाइट्स का लॉन्च शुरू करने की उम्मीद कर रहा है। एक इंटरव्यू में अग्निकुल के सह-संस्थापक और मुख्य कार्यकारी अधिकारी (सीईओ) श्रीनाथ रविचंद्रन ने कहा कि ‘3डी-प्रिंटेड सेमी क्रायोजेनिक इंजन और रॉकेट’ उन ग्राहकों के लिए त्वरित समाधान प्रदान करेंगे जो अपने उपग्रहों के लिए अनुकूलित प्रक्षेपण वाहन प्राप्त करने में सक्षम होंगे।

अग्निबाण रॉकेट के वाणिज्यिक प्रक्षेपण के बारे में पूछे जाने पर रविचंद्रन ने कहा, ‘मैं कहूंगा कि नौ से 12 महीने लगेंगे। हम संभवत: इस वित्तीय वर्ष के अंत तक या अगले वित्तीय वर्ष के आरंभ तक का लक्ष्य लेकर चल रहे है।’ अग्निबाण सब-ऑर्बिटल टेक्नोलाजी डेमोंस्ट्रेटर की पहली परीक्षण उड़ान 30 मई को हुई, जो 66 सेकंड तक चली जो चार असफल प्रयासों के बाद मिली सफल थी।

‘अग्निकुल कॉसमॉस’ 2017 में भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आईआईटी), मद्रास रिसर्च पार्क में स्थापित एक अंतरिक्ष क्षेत्र का स्टार्ट-अप है। ‘अग्निकुल कॉसमॉस’ के अन्य सह-संस्थापकों में परिचालन विशेषज्ञ मोइन एसपीएम और आईआईटी मद्रास में प्रोफेसर तथा राष्ट्रीय दहन अनुसंधान एवं विकास केंद्र के प्रमुख सत्यनारायण चक्रवर्ती शामिल थे।

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