रायपुर

मोदी कैबिनेट में छत्तीसगढ़ से मंत्री बनेंगे तोखन साहू; सांसद के पास PMO से आया फोन

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पीएम नरेंद्र मोदी के कैबिनेट में छत्तीसगढ़ को इस बार भी जगह मिली है। बिलासपुर सांसद तोखन साहू पीएम नरेंद्र मोदी के मंत्रिमंडल में शामिल होंगे। पीएम मोदी के शपथ ग्रहण से पहले पीएमओ से उनके पास फोन आया है। इसके बाद तोखन साहू प्रधानमंत्री आवास पहुंचे थे। तोखन साहू सांसद बनने के बाद पहली बार लोकसभा में कदम रखेंगे।

जानें कौन हैं तोखन साहू
बीजेपी ने इस बार बिलासपुर संभाग से लोरमी विधानसभा के पूर्व विधायक तोखन साहू लोकसभा चुनाव का टिकट दिया था। तोखन साहू का जन्म 15 अक्टूबर 1969 को ग्राम डिंडोरी जिला मुंगेली में हुआ था। उनकी पत्नी का नाम लीलावती साहू है। उन्होंने एमकॉम की पढ़ाई की है।

राजनीतिक सफर
तोखन साहू वर्तमान में भाजपा किसान मोर्चा के प्रदेश अध्यक्ष भी हैं। वो साल 2013 में पहली बार विधानसभा के लिए निर्वाचित हुए। इसके बाद 2014-15 में सदस्य महिलाओं एवं बालकों के कल्याण सम्बंधी समिति ,सदस्य प्रत्यायुक्त विधानसभा समिति, छत्तीसगढ़ विधानसभा रह चुके हैं। साल 2015 में वह संसदीय सचिव छत्तीसगढ शासन रहे। साल 2013 में तोखन ने निर्वाचन क्षेत्र क्रमांक 26 लोरमी से चुनाव लड़ा। इस चुनाव में उन्हें 52302 वोट मिले थे। वहीं दूसरे नंबर पर कांग्रेस के धर्मजीत सिंह रहे, जिन्हें 46061 वोट मिले थे।

साहू ने बीजेपी को बिलासपुर में 7वीं बार जीत दिलाई
छत्तीसगढ़ की महत्वपूर्ण सीटों में से एक बिलासपुर लोकसभा सीट पर इस बार बीजेपी के तोखन साहू ने जीत हासिल की है। उन्होंने 1 लाख 64 हजार 558 वोटों से जीत हासिल की है। तोखन को कुल 7 लाख 24 हजार 937 वोट मिले हैं। वहीं कांग्रेस प्रत्याशी देवेंद्र यादव को 5 लाख 60 हजार 379 वोट मिले हैं। साहू ने बीजेपी को बिलासपुर में 7वीं बार जीत दिलाई है। इस तरह जीत का अंतर 1 लाख 64 हजार 558 रहा। साहू के कुल वोट का प्रतिशत 53.25 और यादव का 41.16 प्रतिशत रहा। इस बार यहां से बीजेपी के किसान नेता तोखन साहू और कांग्रेस के भिलाई से विधायक देवेंद्र यादव के बीच सीधी टक्कर थी।

7 बार जीत चुकी है बीजेपी
बिलासपुर लोकसभा सीट कभी कांग्रेस का गढ़ माना जाता था, लेकिन अब यह बीजेपी का किला बन चुका है। बीजेपी ने यहां पिछले सात चुनाव में लगातार जीत दर्ज की है। वहीं कांग्रेस यहां 1952 से लेकर 1991 (1977 जनता पार्टी) को छोड़कर आठ चुनाव में जीत दर्ज कराने में कामयाब रही है। बीजेपी यहां 7 बार जीत दर्ज कर चुकी है तो वहीं जनता पार्टी ने एक बार 1977 में जीत हासिल की थी।

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