NEET पेपर लीक को लेकर 8 जुलाई को सुनवाई करेगा सुप्रीम कोर्ट, दायर हैं 26 याचिकाएं
नई दिल्ली
नेशनल टेस्टिंग एजेंसी (NTA) ने नीट परीक्षा पेपर लीक को लेकर सुप्रीम कोर्ट 8 जुलाई को सुनवाई करेगी. पेपर लीक को लेकर कुल 26 याचिकाएं सुप्रीम कोर्ट में दायर की गई हैं. पेपर लीक को लेकर केंद्र और नेशनल टेस्टिंग एजेंसी यानी एनटीए की ओर से हलफनामा दायर कर दिया गया है.हलफनामे में एनटीए ने पूरी परीक्षा को रद्द करने की मांग के विरोध किया है. एनटीए ने कहा कि कथित पेपर लीक केवल पटना और गोधरा केंद्रों में हुए थे. ऐसे में व्यक्तिगत उदाहरणों के आधार पर पूरी परीक्षा रद्द नहीं की जानी चाहिए. इसके साथ-साथ एनटीए ने उस दावे को भी गलत ठहराया है जिसमें दावा किया गया है कि परीक्षा में अधिक अंक हासिल करने वाले छात्र कुछ केंद्रों से हैं.
एनटीए ने हलफनामे में कहा कि उसने परीक्षा में गड़बड़ियों में शामिल छात्रों के परिणाम रोक दिए हैं और उन्हें दंडात्मक कार्रवाई और प्रतिबंध के लिए कारण बताओं नोटिस जारी किया है. एनटीए का कहना है कि पूरी परीक्षा अनुचित साधनों और पेपर लीक के व्यक्तिगत मामलों से प्रभावित नहीं हुई है. इसलिए परीक्षा को रद्द करना बेहद प्रतिकूल होगा और खासकर उन छात्रों के लिए हानिकारक हो सकता है जिन्होंने परीक्षा पास की है.
‘कथित लीक का असर पूरी परीक्षा पर नहीं’
परीक्षा कराने वाली एजेंसी ने कहा कि कथित लीक के प्रयास का 5 मई को पूरी परीक्षा के संचालन पर कोई असर पड़ता नहीं दिखा है क्योंकि जांच एजेंसियों की ओर से इसमें शामिल पाए गए उम्मीदवारों की संख्या, परीक्षा में शामिल होने वाले उम्मीदवारों की संख्या की तुलना में नगण्य है.
एनटीए ने कहा कि नीट पीजी 2024 की परीक्षा बिना किसी अवैध गतिविधि के पूरी तरह से निष्पक्ष और गोपनीयता के साथ आयोजित की गई थी. इसे लेकर ग्रुप में गड़बड़ी का दावा पूरी तरह से अपुष्ट, भ्रामक है और इसका कोई आधार नहीं है. एनटीए की ओर से एमबीबीएस, बीडीएस, आयुष और अन्य संबंधित चिकित्सा पाठ्यक्रमों में प्रवेश परीक्षा के लिए एनटीए की ओर से 5 मई को नीट यूपी परीक्षा हुई थी.
8 जुलाई को सुनवाई करेगा सुप्रीम कोर्ट
एनटीए से पहले केंद्र सरकार ने भी नीट पेपर लीक पर सुप्रीम कोर्ट में अपना पक्ष रखा है. शिक्षा मंत्रालय ने दाखिल हलफनामे में सफाई दी है कि उसके निकाय सभी प्रतियोगी परीक्षाएं सही और पारदर्शी तरीके से कराने के लिए प्रतिबद्ध है. परीक्षाओं के लिए प्रश्न पत्रों की गोपनीयता बनाए रखना उसकी सबसे बड़ी प्राथमिकता है. जिन आपराधिक तत्वों ने प्रश्न पत्रों की गोपनीयता भंग की है, उन्हें कानून की पूरी ताकत के साथ कदम उठाकर सजा दिलाएगी.