छत्तीसगढ़

दामाखेड़ा घटना पर भड़के डॉ. चरण दास महंत:धर्म गुरुओं से मिलने पहुंचें नेता प्रतिपक्ष

बलौदाबाजार में शुक्रवार की रात कबीर पंथ के गुरु प्रकाश मुनि साहेब के आश्रम दामाखेड़ा में पटाखा-बम और पत्थर से हमला किया गया है। इसको लेकर अब कांग्रेस फिर से सरकार को घेरने में जुटी हुई है, नेता प्रतिपक्ष डॉ चरणदास महंत ने बलौदाबाजार दामाखेड़ा पहुंचकर वहां के गुरुओं से भी मुलाकात की।

महंत ने कहा बलौदाबाजार सतनाम, सत्यनाम की धरती पर लगातार हिंसक वारदात से प्रदेश शर्मसार किया है।

पूरी घटना की ली जानकारी

महंत ने धर्मस्थली जाकर वहां सदगुरु प्रकाशमुनी साहेब से मुलाकात की, पूरी घटना की जानकारी ली। महंत ने कहा कि हमारे कबीर पंथ के गुरु श्री प्रकाश मुनि साहेब के आश्रम दामाखेड़ा घटना की मैं कड़े शब्दों में निंदा करता हूं, दोषियों के खिलाफ सख्त से सख्त कार्रवाई की मांग करता हूं।

शांति के पथ के आश्रम पर हमला

नेता विपक्ष डॉ महंत ने कहा बलौदाबाजार दामाखेड़ा आश्रम में उपद्रवियों ने जलता हुआ बम फेंक दिया, आखिर हमारा प्रदेश किस दिशा मे जा रहा है। शांति के पथ प्रदर्शक संत कबीर के आश्रम मे ये हमला इस बात का सूचक है कि, भाजपा राज मे अपराधियों को कानून का जरा भी डर भय नहीं रहा है।

कैसे शुरू हुआ विवाद?

सिमगा पुलिस के मुताबिक 1 नवंबर की रात पटाखे जलाने को लेकर बहसबाजी हुई। करीब 9:45 बजे किसी ने आश्रम के अंदर पटाखा फेंका, जिससे विवाद की शुरुआत हुई। धीरे-धीरे कुछ ग्रामीण लाठी, डंडा और बम पटाखों के साथ आश्रम में जबरन घुस गए। आश्रम में सुरक्षा के नजरिए से बड़ी संख्या में फोर्स तैनात की तैनाती की गई है।

शुक्रवार की रात कबीर पंथ के गुरु प्रकाश मुनि साहेब के आश्रम दामाखेड़ा में पटाखा-बम और पत्थर से हमला किया गया है। बड़ी संख्या में ग्रामीण लाठी, डंडा और बम-पटाखों के साथ आश्रम में घुस गए। उपद्रवियों ने प्रकाश मुनि के बेटे उदित मुनि को जान से मारने की धमकी भी दी है।

आरोप है कि उदित मुनि से गाली-गलौज भी की गई। बढ़ते बवाल के बीच गृहमंत्री विजय शर्मा और पूर्व विधायक शिवरतन शर्मा को आधीरात दामाखेड़ा आश्रम पहुंचना पड़ा। आश्रम के अंदर बम और पत्थरबाजी से तनाव की स्थिति थी, जिसे पुलिस ने कंट्रोल किया। फिलहाल 16 आरोपी गिरफ्तार किए गए हैं।

दामाखेड़ा आश्रम है आस्था का केंद्र

दामाखेड़ा आश्रम पर कबीरपंथी समाज की बड़ी आस्था है। समय-समय पर यहां संत कबीर के उपदेशों और शिक्षाओं को लेकर चर्चा और कार्यक्रम का आयोजन किया जाता है। कबीरपंथ के गुरु परंपरा का ये प्रसिद्ध स्थल भी है। कबीर जयंती और गुरु पूर्णिमा पर यहां विशेष कार्यक्रमों का आयोजन किया जाता है। बड़ी संख्या में कबीर पंथ से जुड़े लोग यहां आते रहते हैं।

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