रायपुर। सरकारी सिस्टम में जनता के टैक्स का पैसा कैसे बर्बाद होता है, इसकी एक तस्वीर छत्तीसगढ़ के दुर्ग जिले से आई है.जहां दुर्ग के अमलेश्वर में छत्तीसगढ़ सुरक्षा बल की तीसरी बटालियन में 40 करोड़ की 400 बोलेरो गाड़ियां कंडम हो रही हैं.डायल 112 सेवा के लिए पिछली सरकार में इन गाड़ियों की खरीदी हुई थी लेकिन 4 महीने बाद कांग्रेस की सरकार चली गई और तब से ये गाड़ियां धूल खा रही हैं.
ये है मामला
छत्तीसगढ़ में इमरजेंसी सेवा बेहतर करने के लिए कांग्रेस सरकार ने 16 महीनें पहले अगस्त 2023 को डायल- 112 के लिए 40 करोड़ की लागत से 400 बोलेरो गाड़ियां खरीदी थी.अगस्त 2023 में ही टेंडर समाप्त होना था. इधर दिसंबर में छत्तीसगढ़ में बीजेपी की सरकार बन गई. नई सरकार में डायल 112 सर्विस के लिए टेंडर की प्रक्रिया आगे बढ़ी टेंडर में आधा दर्जन कंपनियों ने भाग लिया था.
टेंडर हुआ था निरस्त
कमेटी ने जिकित्जा हेल्थ केयर लिमिटेड को डायल-112 का संचालन देने वाली थी. उसके खिलाफ शिकायतें आई और सरकार ने कंपनी को डिफाल्टर बताते हुए टेंडर निरस्त कर दिया. इसके बाद से अब तक न तो नया टेंडर जारी हुआ है, न ही इन गाड़ियों का उपयोग हो रहा है. जिसे तीसरी बटालियन में रखा गया है जहां आमजन का जाना मना है. कबाड़ हो रही गाड़ियों की बात सामने आने के बाद मीडिया की एंट्री को भी प्रतिबंधित कर दिया गया है. बता दें कि छत्तीसगढ़ के 33 जिलों में से 11 जिलों में 112 सेवा संचालित हो रही है. 21 जिलों में डायल-112 अब तक शुरू नहीं हो पाई है.40 करोड़ की लागत से 400 बोलेरो खरीदी गई थी.