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जिंदा को मृत बताकर रोका पैसा : बैंक और विभाग ने एक दूसरे पर डाली जिम्मेदारी

रायपुर। महतारी वंदन योजना के तहत लाभान्वित होने वाली कई महिलाओं के खातों में एक हजार रुपए आना बंद हो गया है। इसकी वजह महिला एवं बाल विकास विभाग और बैंक हैं जो गलती सुधारने की बजाय एक-दूसरे पर जिम्मेदारी डाल रहे हैं। विभागीय गलतियों के कारण कई जिंदा हितग्राही को मृत बता दिया है, जिसके कारण उनके खाते में राशि ट्रांसफर नहीं होकर पोर्टल संबंधित एकाउंट में वापस चली जा रही है। विभाग का कहना है कि यह बैंक की त्रुटि है, डीबीटी सही तरीके से किया नहीं जा रहा है, जिससे राशि वापस हो जाती है, वहीं बैंक अधिकारी का कहना है कि इसके लिए विभाग जिम्मेदार है। बैंक का काम तो बस राशि ट्रांसफर करना है, किसी का नाम काटना व जोड़ने का काम विभाग करता है। 

डीबीटी में लोचा, इसलिए राशि भी नहीं पहुंच रही खातों में महतारी वंदन योजना का लाभ उन्हीं महिलाओं को मिल रहा है, जिनके बैंक एकाउंट आधार से लिंक हुए हैं। इसे डायरेक्ट बैंक ट्रांसफर (डीबीटी) करना भी कहा जाता है। इसे कराने पर ही महतारी वंदन योजना के हितग्राही के खाते में राशि ऑनलाइन ट्रांसफर होती है। पात्र हितग्राहियों ने अपनी सुविधा के अनुसार अलग-अलग बैंकों में खाता खुलाकर उसे डीबीटी भी कराया हुआ है, लेकिन इसके बाद भी कई हितग्राहियों के खातों में राशि पहुंच नहीं रही है। इससे पता चला है कि बैंकों में जो डीबीटी किया जा रहा है, वह सही तरीके से नहीं किया जा रहा है, जिसके कारण हितग्राही के खाते में राशि भी पहुंच नहीं रही है। जिंदा हितग्राही को बताया जा रहा मृत इस योजना के तहत रायपुर जिले में पात्र महिलाओं को हर महीने एक – हजार रुपए की राशि उनके खातों में सीधे ट्रांसफर की जा रही है। यह राशि उनके जीवित रहते ही मिलना है। अगर किसी महिला की मृत्यु हो जाती है, तो इसकी सूचना मिलने पर विभाग तत्काल स्वीकृत राशि की लिस्ट से संबंधित हितग्राही का नाम भी हटा दिया जाता है, ताकि राशि मृतक हितग्राही के खाते में ट्रांसफर नहीं हो पाए, लेकिन जिले में इसके विपरीत मामले सामने आने लगे हैं। जिंदा हितग्राही को मृत घोषित किया जा रहा है, जिसके कारण हितग्राही के खाते में योजना की राशि भी पहुंच नहीं रही है। ऐसे कुछ मामले रायपुर। जिले में सामने आए हैं, जिनकी शिकायत जिला महिला विभाग और हितग्राही खाता से संबंधित जिला सहकारी बैंक में भी की गई है, लेकिन दोनों इस मामले में अपना पल्ला झाड़ रहे हैं। 

बैंक की त्रुटि नहीं है

सहकारी केंद्रीय बैंक रायपुर के मुख्य कार्यकारी अधिकारी अपेक्षा व्यास ने बताया कि, लिस्ट में हितग्राही को मृत बताया गया है, इसलिए राशि उसके खाते में ट्रांसफर नहीं होकर वापस हो गई है। यह गलती बैंक की नहीं है, संबंधित विभाग की है, क्योकि हितग्राही को मृत घोषित करना, हटाना, पात्र-अपात्र करना विभाग का काम है। बैंक का काम सिर्फ राशि ट्रांसफर करना है।

जिंदा को मृत घोषित करना तकनीकी त्रुटि

महिला एवं बाल विकास विभाग रायपुर के जिला कार्यक्रम अधिकारी शैल ठाकुर ने बताया कि, विभाग को जब तक सूचना नहीं मिलेगी, किसी हितग्राही को मृत घोषित किया नहीं जा सकता। इससे संबंधित काम मुख्यालय से होता है। विभाग ने राशि जारी कर दी है, लेकिन तकनीकी या अन्य किसी गलती से हितग्राही की मृत्यु होना ऑनलाइन में शो कर रहा है। यह गलती बैंक की हो सकती है।

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