छत्तीसगढ़

छत्तीसगढ़ का तुलसी है यूट्यूबर्स का गांव… 40 से ज्यादा चैनल

रायपुर। यूट्यूब जैसी ही चमत्कृत करने वाली कहानी है तुलसी नेवरा की। रायपुर से 45 किमी दूर स्थित इस गांव को ‘भारत का यूट्यूबर गांव’ कहा जा रहा है। कुछ साल पहले तक इसकी पहचान एक औद्योगिक क्षेत्र की थी। यहां अदाणी का पावर प्लांट, सीमेंट प्लांट, प्लास्टिक फैक्ट्री और राइस मिल है। गांव में ही कॉलेज और आईटीआई भी है।

लेकिन, इससे और पहले जाएं तो देश के दूसरे गांवों की तरह यहां के लोगों की दिनचर्या संगीतमय थी। कला इनके रगों में थी। कोई रामलीला में लोगों को गुदगुदाता तो कोई रावण बनकर सिहरन पैदा कर देता। किसी की आवाज में जादू था तो किसी की अंगुलियां तबले पर फिरकने के लिए लालायित रहती थीं।

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शायद विरासत में मिली यह थाती ही यूट्यूब के जमाने में ताकत बन गई। आज यहां का युवा कला जगत में धूम मचा रहा है। 40 से अधिक यूट्यूब चैनल आ गए। 15 चैनल मोनेटाइज हो चुके हैं।

इस बार रविवार विशेष में नईदुनिया रायपुर के इनपुट एडिटर रामकृष्ण डोंगरे से जानिए गांव की पूरी कहानी…

जय और ज्ञानेंद्र : जोड़ी ऐसे लेकर आई गांव में ‘यूट्यूब क्रांति’

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जब गांव में जय और ज्ञानेंद्र के यूट्यूब चैनल की चर्चा होने लगीं तो अन्य युवाओं ने भी चैनल बनाने की इच्छा जाहिर की। अपने कई यूट्यूब चैनल बंद होने से सीख चुके इन युवाओं ने सभी का मार्गदर्शन किया। उन्होंने छोटी-छोटी तकनीकी बातों से रूबरू कराया।

चैनल पर वीडियो कैसे अपलोड करना है, टाइटल क्या लिखना है, वीडियो कैसे एडिट करना है, थंबनेल और हैशटैग आदि की जानकारियां शेयर की। इसके बाद धीरे-धीरे गांव में कई यूट्यूब चैनल बनने लगे।

जय बताते हैं कि हमारे गांव में कई पीढ़ियों से ग्रामीण रामलीला का मंचन करते आ रहे थे। युवाओं से एक्टिंग करवाना आसान था, लेकिन हमने 50 पार के ग्रामीणों को भी प्रेरित किया। रामलीला में राम का किरदार निभाने वाले 53 वर्षीय राघव वैष्णव ने बताया कि मेरे पिता भी रामलीला में काम करते थे।

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जब मुझसे वीडियो में अभिनय करने के लिए कहा गया, तो शुरुआत में थोड़ी दिक्कत हुई। क्योंकि मुझसे कहा था कि आपको रामलीला की तरह रटे-रटाए संवाद नहीं बोलना है। चूंकि वीडियो में कई रीटेक ले सकते थे। इसलिए मुझे कोई परेशानी नहीं हुई। मेरी उम्र के प्यारेलाल वर्मा, सुशील शर्मा आदि ने भी कई कामेडी वीडियो में काम किया है। तुलसी गांव में पंजीकृत मतदाता तो चार हजार है। औद्योगिक क्षेत्र होने से यूपी, बिहार जैसे कई राज्यों के लोग भी यहां रहते हैं।

जब वर्ष 2022 में इस गांव की देशभर में चर्चा होने लगी तो गांव के तत्कालीन सरपंच गुलाब सिंह यदु को दिल्ली के एक राष्ट्रीय चैनल ने बुलाकर सम्मानित किया। यूट्यूब इंडिया के मैनेजिंग डायरेक्टर इशान चटर्जी ने युवा ज्ञानेंद्र शुक्ला और जय वर्मा को गूगल आफिस दिल्ली के सम्मेलन में बुलाया, जहां गूगल के सीईओ सुंदर पिचाई भी आए थे।

अभिनेत्री पिंकी साहू : एल्बम से शुरुआत, फिल्में भी कर रहीं

तुलसी गांव की पिंकी साहू छालीवुड की दो-तीन चर्चित फिल्मों में काम कर चुकी हैं। साथ ही, 10-12 फिल्मों में उन्हें छोटे-छोटे रोल मिल चुके हैं। कुछ फिल्में आने वाली भी हैं। अभिनेत्री व डबिंग आर्टिस्ट पिकी ने बताया कि बचपन से ही उन्हें अभिनय का शौक था, लेकिन कामेडी वीडियो, म्यूजिक ‘वीडियो से लेकर फिल्म तक का सफर आसान नहीं था।

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पहले उनके परिवार के लोग, विशेषकर भाई बिल्कुल सपोर्ट नहीं करते थे। बहुत ज्यादा नाराज थे, लेकिन जैसे जैसे प्रसिद्धि मिली परिवार का सपोर्ट मिलने लगा। आज मैं अपने गांव से दूर रायपुर शहर में रहकर अपना फिल्मी करियर बना रही हूं।

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पिता किसान और मां मितानिन (आंगनबाड़ी कार्यकर्ता) हैं। वह कहती हैं- वर्ष 2021-22 में मैंने वीडियो बनाना शुरू किया था। 2024 में ‘तै मोर सोना’, आनंद दास मानिकपुरी की फिल्म ‘ए ददा रे’, प्रणव झा की मूवी ‘बीए फाइनल’ में मेरा यादगार रोल रहा है।’ कालेज के नालेज’ फिल्म की शूटिंग चल रही है।

आदित्य बघेल : यूट्यूब से सिनेमा का सफर

लेखक और असिस्टेंट डायरेक्टर व अभिनेता आदित्य बघेल की पहली छालीवुड फिल्म ‘खारून पार’ पिछले वर्ष आई थी। वह कहते हैं- यह मेरी पहली फिल्म है। इसके साथ ही इनसाइड ओरिजनल्स प्रोडक्शन हाउस के बैनर तले बनने वाली वेब सीरीज ‘सरकारी अफसर’ एवं फिल्म ‘सट्टा मटका’ का भी हिस्सा हूं।

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मेरे यूट्यूब चैनल ‘आदित्य बघेल’ एवं ‘बीइंग छत्तीसगढ़िया’ पर 50 से अधिक शार्ट वीडियो बनाए हैं। आदित्य ने बताया कि जिस समय यूट्यूब में करियर बनाने की शुरुआत की थी, उस समय राज्य में केवल एक ही चैनल था ’36 गढ़िया’। उसे मैंने देखना शुरू किया। फिर ‘बीइंग छत्तीसगढ़िया’ चैनल आया। अभी मेरे चैनल के 25 हजार से अधिक सब्सक्राइबर हैं। इस बीच उनके साथ काम करने का भी मौका मिला।

बचपन के किस्सों को लिखकर कहानी बनाता। लोगों को भी यह ‘पसंद आने लगा। आदित्य के चैनल पर ‘बिहाव के तैयारी’ और तीजा पोरा के तिहार, इन दो वीडियो में 10 लाख से अधिक व्यूज आ चुके हैं।

naidunia_image एक्टर मनोज यदु : बीइंग छत्तीसगढ़िया चैनल से छालीवुड तक

बचपन से ही सांस्कृतिक कार्यक्रमों में हिस्सा लेने वाले मनोज यदु को वर्ष 2016 में यूट्यूब चैनल के जरिएं बड़ा प्लेटफार्म मिला। उन्होंने लगभग 200 वीडियो में अपने अभिनय की छाप छोड़ी है। उनके यूट्यूब चैनल ‘निमगा छत्तीसगढ़िया’ पर अभी 10 हजार सब्सक्राइबर है।

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उन्होंने अगस्त 2024 में रिलीज आनंद दास मानिकपुरी की फिल्म ‘ए ददा रे’ में अभिनय भी किया। इसमें उन्होंने गोदन का किरदार निभाया है, जिसे दर्शकों ने खूब पसंद किया है। कभी एक नामी कंपनी में फाइनेंस एग्जीक्यूटिव के रूप में कार्यरत रह चुके मनोज अब जब अपने क्षेत्र में जाते हैं तो लोग उनके साथ सेल्फी लेने के लिए लालायित रहते हैं।

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मनोज हर प्रतियोगिता में प्रथम स्थान पर आते थे। वर्ष 2021 में उन्होंने अपना यूट्यूब चैनल बनाया था। इस यूट्यूब को चलाने के लिए इसकी एल्गोरिदम् को भी समझा। इस चैनल पर अब तक वह आठ वीडियो अपलोड कर चुके हैं। इनमें से कुछ वीडियो पर एक लाख से अधिक व्यूज भी आ चुके हैं।

naidunia_image अभिषेक वर्मा (गोल्ड) : दिल्ली आकर बनाई म्यूजिक कंपनी

संगीत को अपना पेशा बना चुके अभिषेक वर्मा उर्फ गोल्ड का सफर रोमांचक रहा है। इंजीनियरिंग की पढ़ाई छोड़ कर अब वह दिल्ली में ‘डोज ड्रिप्ज’ म्यूजिक कंपनी बनाकर प्रतिभाओं को अवसर दे रहे हैं। वे 100 से अधिक निर्माताओं और मिक्सिंग इंजीनियरों के साथ काम कर रहे है। उनकी कंपनी का गाना ‘यादें तेरी’ इंस्टाग्राम पर ट्रेंड कर रहा है।

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तुलसी गांव में उनके पिता यशवंत वर्मा कवि के तौर पर पहचाने जाते हैं। अपने पिता से प्रेरणा लेकर उन्होंने गाने लिखना शुरू किया था। भिलाई से कंप्यूटर साइंस की पढ़ाई छोड़कर वे दिल्ली पहुंचे और यहां आडियो इंजीनियरिंग की पढ़ाई की।

हालांकि उनकी संगीत यात्रा वर्ष 2017 में कोटा, राजस्थान में जेईई की तैयारी के दौरान ही शुरू हो गई थी। इस अहसास ने उन्हें नया मिशन दिया – संगीत से छत्तीसगढ़ का प्रतिनिधित्व करना और लोगों की धारणा को बदलना। साथ ही पंजाबी गीतों की तरह छत्तीसगढ़ी लोकगीतों को लोकप्रिय बनाने का भी लक्ष्य तय किया है।

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