बलिया में भीषण गर्मी और लू का कहर… 72 घंटे में 54 लोगों की मौत, सिर्फ 15 जून को 23 की गई जान
उत्तर प्रदेश
उत्तर प्रदेश के तमाम जिलों में इन दिनों चिलचिलाती धूप और भीषण गर्मी से लोग बेहाल हैं. कई इलाकों में तापमान लोगों की हालत खराब कर रहा है. गर्मी इस कदर बढ़ रही है कि लोगों का घर से निकलना मुश्किल हो रहा है. कई जगह हीटवेव भी परेशान कर रही है. कई बार तेज तापमान लोगों की जिंदगी छीनने तक का कारण बन जाता है.
अति गर्मी के बीच तमाम लोग बीमार पड़ जाते हैं, इसमें सबसे ज्यादा चिंता बुजुर्ग और बच्चों की होती है, जो बहुत ज्यादा गर्मी नहीं झेल पाते तो जिंदगी के लिए मुश्किल पैदा होती है. पूरे प्रदेश के साथ बलिया में पड़ रही भीषण गर्मी से मरीजों की संख्या और मरने वालों की संख्या में अचानक वृद्धि हो गई है. बीत 15, 16 और 17 जून यानी तीन दिन में फीवर, सांस फूलने आदि विभिन्न बीमारियों से करीब चार सौ मरीज जिला अस्पताल में भर्ती हुए.
इसमें 15 जून को 23, 16 जून को 20 और 17 जून को 4 बजे शाम तक 11 यानी कुल 54 मरीजों की मौत हो गई. ये आंकड़ा सिर्फ जिला अस्पताल का है. ऐसे में पूरे जिले का हाल क्या होगा, आंकड़े से अनुमान लगाया जा सकता है. आजमगढ़ मंडल के अपर स्वास्थ्य निदेशक डॉ. बीपी तिवारी का कहना है कि मरने वालों कि संख्या बढ़ गई है, इसकी वजह क्या है, इसकी जांच के लिए लखनऊ से टीम आ रही है. टीम मौत की वजहों का पता करेगी. हो सकता है ऐसी कोई बीमारी हो जो पकड़ में नहीं आ रही हो. उन्होंने कहा कि गर्मी और सर्दी जब ज्यादा पड़ती है तो सांस के मरीज, डायबिटीज के मरीज और ब्लड प्रेशर के मरीजों को खतरा बढ़ जाता है. तापमान बढ़ा हो तो हो सकता है उसका असर हो और बीमारियां उभर गई हों. इसके कारण इस तरह डेथ हो रही हों.
भीषण गर्मी बन रही खतरा.
वहीं प्रभारी चिकित्सा अधीक्षक डॉ. एसके यादव का कहना है कि जिला अस्पताल के सभी कर्मचारी अलर्ट मोड में हैं. अब तक बीते तीन दिनों में 54 मरीजों की मौत हो चुकी है, जबकि तीन दिन में करीब चार सौ मरीज जिला अस्पताल में भर्ती हुए हैं. वहीं जिला अस्पताल में आने वाले मरीजों की संख्या इस कदर है कि मरीजों को स्ट्रेचर तक उपलब्ध नहीं हो पा रहा है. लोग अपने मरीजों को कंधे पर उठाकर इमरजेंसी तक ले जा रहे हैं. इस सवाल पर अपर स्वास्थ्य निदेशक का कहना है कि एक साथ दस मरीज आ जाएंगे तो थोड़ा टाइम लगेगा. लेकिन स्ट्रेचर हैं.