जिलाध्यक्ष और पूर्व विधायक अड़े तो समर्थक भिड़े, पुलिस के पहरे में कांग्रेस के नेता
जांजगीर-चांपा।
जांजगीर लोकसभा के अंतर्गत आठ विधानसभाओं के लिए कांग्रेस के टिकट दावेदारों की दमदारी की थाह लेने पहुंचे आलाकमान के विश्वस्तों को पुलिस की सहायता लेनी पड़ गई। सर्किट हॉउस में हुए हंगामे से पूरे देश में कांग्रेस के हालात पर तीखी टीका टिप्पणी होने की आशंकाएं बलवती हो चुकी है। दरअसल भाजपा द्वारा इक्कीस विधानसभा के प्रत्याशियों की घोषणा के बाद फ्रंटफुट पर खेल रही कांग्रेस को उनके ही अभ्यर्थियों ने स्टंप कर दिया है, हंगामे के दौरान जो छीटाकंशी हुई उसने मर्यादा की सीमाओं को पार कर दिया, नारेबाज़ी में अपने ही जिलाध्यक्ष को विरोधी पार्टी का कार्यकर्ता बताते हुए कई विडियो वायरल किये गये है, हांलाकि वायरल वीडियो की पुष्टि नहीं हो सकी पर आरोप बेहद संगीन हैं और मौका नेताओं के लिए बहुत ही असुविधाजनक रहा। कुल मिलाकर माहौल ने मुख्य विपक्षी दलों भाजपा और बसपा को जनता के बीच मनोरंजन उपहास करने का साधन और हथियार दोनों एक साथ दे ही दिया है।
आपत्ति जायज है या सिर्फ विरोध
प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार पूर्व विधायक ने कई नेताओं के अंदर बैठे होने को लेकर तमातमाते हुए आपत्ति जता दी जिसके बाद जिलाध्यक्ष भी तुनक गये और सारा अपनापन सौहार्द और अनुशासन धरा रह गया, फिर ऐतिहासिक छींटाकशी का दौर ऐसा चला कि सारी मर्यादाओं पर पैर रख कर कार्यकर्ताओं ने खरीखोटी सुना डाली, हालांकि सारा किस्सा छत्तीसगढिय़ा स्टाइल यानि बिना लातघूंसे चले ही शांत हुआ पर शब्दों के जो ब्रम्हास्त्र फेंकें जा चुके हैं उनके खतरनाक विकिरणों का दुष्प्रभाव लंबे समय तक जिले की राजनीति में बने रहने की पूरी आशंका है।
अकलतरा की राजनीति, व्यक्तिगत विरोध तक उतरी
सर्किट हॉउस का हंगामा मुख्यत: अकलतरा विधानसभा के उम्मीदवारों की नूराकुश्ती से हुआ , इसके बाद व्यक्तिगत आरोपों और स्तरहीन नारेबाजी तक जा पहुंचा , कहा तो यह भी जा रहा कि प्रमुख पदाधिकारी भी आपस में उलझे और बात बिगड़ती चली गई, फिर समर्थकों ने मोर्चा संभाल लिया परिणामस्वरूप पुलिस बल की सहायता लेनी पड़ी , सत्ताधारी दल को अपने ही कार्यकर्ताओं के विरुद्ध पुलिस की मदद लेने की मजबूरी ने पार्टी अनुशासन की कलई खोल कर रख दी है, इससे जिले में विधायक विहीन कांग्रेस के लिए आसार अच्छे नहीं दिख रहे।
सक्ती में राठौरों ने ठोंकी ताल
प्रदेश प्रभारी कु. शैलेजा के सामने विधानसभा अध्यक्ष और चुनाव समिति के प्रमुख चरणदास महंत की सीट सक्ती से राठौर उम्मीदवार को टिकट देने की जबरदस्त मांग की गई, बड़ी संख्या में सजातीय समर्थकों के साथ पहुंचे पूर्व प्रत्याशी ने अपनी मांग से एकबारगी आला नेताओं को हतप्रभ कर दिया। सियासी हलकों में अब कानाफूसी तेज है कि प्रबल समर्थक आखिर किसकी शह पर अपने ही नेता की उम्मीदवारी को चैलेंज करने को उतारु हो गये।