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ईरान के चंगुल से 17 भारतीयों को छुड़ाने की चुनौती, इजरायल पर हमले ने बढ़ा दी भारत की दिक्कतें!

नई दिल्ली

ईरान इजरायल पर ईरान के हमले से दुनियाभर में हलचल मची है. 13 अप्रैल की आधीरात ईरान ने इजरायल पर ताबड़तोड़ मिसाइल और ड्रोन हमले किए, जिनकी संख्या 300 से अधिक बताई जा रही है. इस घटना ने मिडिल ईस्ट में तनाव बढ़ा दिया है. ईरान ने इस हमले से एक दिन पहले ही इजरायल के एक जहाज को कब्जे में ले लिया था. इस जहाज में कुल 25 लोग सवार थे, जिनमें से 17 भारतीय हैं. इन हमलों के बीच अब इन 17 भारतीयों की सुरक्षा का मुद्दा भारत के लिए एक बड़ी चिंता बन चुका है.

ईरान के रिवोल्यूशनरी गार्ड्स ने होर्मुज स्ट्रेट से गुजर रहे इजरायल के एक जहाज MSC Aries को कब्जे में लिया था. यह जहाज लंदन की जोडियक मैरिटाइम है, जो इजरायल के अरबपति आइल ओफेर के जोडियक ग्रुप का है. यह जहाज संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) के एक बंदरगाह से रवाना हुआ था. ऐसे में हमले के बीच ईरान के कब्जे में इन 17 भारतीयों की सुरक्षा को लेकर सवाल खड़ा हो गया है.

ईरान और इजरायल के बीच फंसा भारत

भारत ने आधिकारिक तौर पर बयान जारी कर ईरान और इजरायल के बीच की मौजूदा स्थिति पर चिंता जताई है. भारत सरकार का कहना है कि हम इजरायल और ईरान के बीच बढ़े तनाव को लेकर चिंतित हैं, जिससे क्षेत्र की शांति और सुरक्षा को खतरा है.

भारत सरकार से जुड़े सूत्रों का कहना है कि सरकार इससे वाकिफ है कि ईरान ने एमएससी एरिज जहाज को कब्जे में ले लिया है. सरकार को पता है कि इस जहाज पर 17 भारतीय नागरिक हैं. भारतीय सरकार भारतीय नागरिकों की सुरक्षा और उनकी जल्द रिहाई को लेकर डिप्लोमैटिक माध्यमों के जरिए ईरान की सरकार के संपर्क में है.

अगर इन दोनों देशों के बीच टकराव में इजाफा होता है तो भारत के लिए निश्चित रूप से चुनौती पैदा होगी. बता दें कि ईरान और इजरायल दोनों ही देशों से भारत के अच्छे संबंध हैं. लिहाजा कोई भी स्टैंड लेने से पहले भारत स्थिति पर पैनी नजर बनाए हुए है.

विदेश मंत्रालय ने इस टकराव पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा, “हम इजराइल और ईरान के बीच बढ़ती शत्रुता से गंभीर रूप से चिंतित हैं जिससे क्षेत्र में शांति और सुरक्षा को खतरा पैदा हो गया. हम तत्काल तनाव कम करने, संयम बरतने, हिंसा से पीछे हटने और कूटनीति (डिप्लोमैसी) के रास्ते पर लौटने का आह्वान करते हैं. हम मौजूदा हालात पर करीब से नजर बनाए हुए हैं. इस क्षेत्र में मौजूद हमारे दूतावास भारतीय समुदाय के साथ लगातार संपर्क में हैं.यह बहुत अहम है कि क्षेत्र में सुरक्षा और स्थिरता बनी रहे.”

भारत सरकार का पहला लक्ष्य ईरान के कब्जे वाले इजरायल के जहाज में मौजूद 17 भारतीयों की रिहाई सुनिश्चित करना है. भारत इससे पहले भी युद्धग्रस्त यूक्रेन से अपने नागरिकों की रिहाई सुनिश्चित कर चुका है. इन दोनों ही देशों में बड़ी तादाद में भारतीय रहेत हैं. इजरायल में लगभग 18000 तो ईरान में लगभग 5000 भारतीय रहते हैं. इस महीने की शुरुआत में लगभग 60 भारतीय कामगार इजरायल गए थे.

इजरायल, भारत का बहुत पुराना सहयोगी देश है. दोनों देशों के संबंध बहुत प्रगाढ़ रहे हैं, विशेष रूप से रक्षा और तकनीक के क्षेत्रों में इजरायल एक तरह से भारत का मददगार रहा है. वहीं, क्षेत्रीय सुरक्षा की दृष्टि से देखें तो ईरान भी भारत का हितकारी राष्ट्र है. इससे पहले भारत ने शुक्रवार को एक ट्रैवल एडवाइजरी भी जारी की थी, जिसमें भारतीयों से ईरान और इजरायल की यात्रा नहीं करने को कहा गया था.

आधीरात को इजरायल पर ईरान का अटैक

ईरान ने 13 अप्रैल की आधीरात को इजरायल पर मिसाइल और ड्रोन अटैक किए हैं. ईरान ने इजरायल पर 300 से ज्यादा अलग-अलग तरह के ड्रोन हमले किए हैं इनमें किलर ड्रोन से लेकर बैलिस्टिक मिसाइल और क्रूज मिसाइलें शामिल हैं. इजरायली सेना ने एयर डिफेंस सिस्टम को एक्टिवेट कर दिया है. सेना को हाई अलर्ट कर दिया गया है.

कहा जा रहा है कि ईरान अगले कुछ घंटों में इजरायल पर और ज्यादा मिसाइल अटैक कर सकता है. इजरायल पर अंधाधुंध हमले कर रहे ईरान ने दो टूक कहा है कि ये इजरायल के लगातार किए जा रहे उसके अपराधों की सजा है. ईरान की सेना ने बयान जारी कर इस हमले को Operation True Promise का नाम दिया है.

इजराली सेना IDF के प्रवक्ता रियर एडमिरल डेनियल हगारी का कहना है कि ईरान ने इजरायल पर सीधे हमले शुरू किए हैं. ईरान के किलर ड्रोन्स पर हम नजर रखे हुए हैं. ईरान के हमले में दक्षिणी इजरायल के सैन्य बेस को हल्का नुकसान पहुंचा है. इजरायल ने एरो एरियल डिफेंस सिस्टम के जरिए इन अधिकतर मिसाइलों को मार गिराया है. अल अक्सा के गोल्डन डोम के ऊपर आसमान में कई मिसाइलों को मार गिराया है.

ईरान ने इजरायल पर क्यों किया हमला?

एक अप्रैल को सीरिया में ईरान के वाणिज्य दूतावास पर हमला किया गया था. इस हमले में ईरान के टॉप कमांडर सहित कई सैन्य अधिकारियों की मौत का दावा किया गया था. ईरान ने इस हमले के लिए इजरायल को जिम्मेदार ठहराया था. हालांकि, अभी तक इजरायल की ओर से इस पर अभी तक किसी तरह की प्रतिक्रिया नहीं दी गई है.

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