छत्तीसगढ़

पुरानी पेंशन मामले में शिक्षाकर्मियों को बड़ी राहत….. संविलियन दिनांक से ही देनी होगी अंशदान राशि

रायपुर

पुरानी पेंशन मामले में पेंशन लागू होने के बाद से लगातार स्पष्ट निर्देश न होने के अभाव में कर्मचारी परेशान है खास तौर पर मृत कर्मचारियों के परिजन का मामला काफी फंसा हुआ था क्योंकि पेंशन शाखा की तरफ से कोई स्पष्ट निर्देश जारी नहीं किया गया था कि आखिरकार शिक्षाकर्मियों के मामले में अंशदान वापसी की स्थिति में उनसे कब से राशि की गणना करके राशि वापस लेनी है । क्योंकि वर्तमान में सरकार शिक्षा कर्मियों की सेवा की गणना उनके संविलियन दिनांक से कर रही है इसलिए राशि उस तिथि से ही ली जानी थी लेकिन स्पष्ट निर्देश के अभाव में न तो प्रकरणों का निराकरण ढंग से हो रहा था और न ही राशि की गणना , ऐसे में इस मामले की जिम्मेदारी सर्व शिक्षक संघ के प्रदेश अध्यक्ष विवेक दुबे ने ली और उन्होंने वित्त मंत्री ओपी चौधरी से मुलाकात कर पूरे प्रकरण से अवगत कराया इसके बाद फाइल में तेजी आई और अब छत्तीसगढ़ शासन के वित्त विभाग द्वारा संचालक पेंशन एवं भविष्य निधि को पत्र लिखकर स्पष्ट रूप से अवगत करा दिया गया है कि शिक्षाकर्मियों के मामले में फिलहाल सरकार के निर्देश के मुताबिक उनके सविलियन दिनांक से ही उनकी सेवा की गणना स्कूल शिक्षा विभाग में की जा रही है इसलिए मृत्यु प्रकरण में राशि भी उसी दिनांक के बाद जमा अंशदान के हिसाब से गणना करके ली जाएगी ।

यदि किसी शिक्षाकर्मी का संविलियन 1 जुलाई 2018 को हुआ है और उसकी मृत्यु 1 जुलाई 2020 को हुई है तो भले ही उसकी प्रथम नियुक्ति 1998 से हो और एनपीएस की राशि 2012 से कटौती की गई हो लेकिन उसके परिजन को 2018 से 2020 के बीच जो अंशदान राशि जमा की गई है केवल वही वापिस करना होगा । इस स्पष्ट निर्देश के बाद जहां शिक्षाकर्मी मामले में पेंशन भुगतान में तेजी आएगी वही मृत कर्मचारियों के परिजनों को भी इस आदेश से राहत मिलेगी ।

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