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अब बंद होगा छत्तीसगढि़या ओलंपिक: प्रदेश में जहां मांग होगी वहां क्रीड़ा प्रोत्साहन योजना में शुरू किए जाएंगे पारंपरिक खेल

राजीव मितान क्लब योजना के बाद अब छत्तीसगढ़िया ओलिंपिक भी बंद होने जा रहा है। पिछले साल ओलिंपिक की शुरुआत हरेली के दिन यानी 17 जुलाई को हुई थी। इस बार साय सरकार ने इसके लिए बजट शून्य कर दिया है। खेल एवं युवक कल्याण विभाग की मानें तो नई सरकार में छत्तीसगढ़ क्रीड़ा प्रोत्साहन योजना की शुरुआत होने जा रही है।

इसके तहत पारंपरिक खेलाें को बढ़ावा भी दिया जाएगा, लेकिन यह छत्तीसगढ़ ओलिंपिक से थोड़े बदले फार्मेट में होगा। इसमें जो जिले जिस खेल की मांग करेंगे, वहां उन खेलाें का आयोजन होगा। यह निर्णय इसलिए लिया गया, क्योंकि बस्तर के पारंपिक खेल अलग होते हैं और सरगुजा के अलग। अब विभाग सभी जिलों से डिमांड मंगाने जा रहा है, इसके बाद पारंपरिक खेलों का नया फार्मेट तैयार होगा।

राज्य सरकार द्वारा ग्राम पंचायतों एवं 146 ब्लॉक स्तर पर होने वाले खेल आयोजन के लिए अलग-अलग कमेटियां बनी थीं। राज्य में ग्राम पंचायत स्तर पर गठित कमेटियों के संयोजक सरपंच थे और ब्लॉक स्तर पर गठित कमेटियों के संयोजक विकास खंड अधिकारी थे।

25 करोड़ था ओलिंपिक का बजट
भूपेश सरकार ने 2023 में 25 करोड़ रुपए के बजट का प्रावधान किया था। इस बार 2024-25 के बजट में इस मद के लिए कोई राशि आवंटित नहीं की गई। हालांकि इसकी जगह छत्तीसगढ़ क्रीड़ा प्रोत्साहन योजना के लिए 20 करोड़ का बजट आवंटित किया गया है।

इंफ्रास्ट्रक्चर पर अधिक जोर
क्रीड़ा प्रोत्साहन योजना में जोर इंफ्रास्ट्रक्चर पर है। हर जिले से लेकर ब्लॉक तक खेल के मैदान हो, विभाग इसकी तैयारी में है। इसके अलावा योजना में फेडरेशन को मजबूत करने पर भी काम होगा। उन्हें आर्थिक मदद अधिक से अधिक दी जाए, जिससे खिलाड़ियों को प्रोत्साहन मिले।

16 खेलों का चार स्तर पर होता था आयोजन

  • भूपेश सरकार ने 6 सितंबर 2022 को छत्तीसगढ़िया ओलिंपिक की घोषणा की।
  • पहली बार 6 अक्टूबर 2022 से शुरू हुए और 6 जनवरी 2023 तक चले।
  • खेल 4 स्तर ग्राम पंचायत, ब्लॉक, जिला और राज्य स्तर पर हुए।
  • 2023 में 17 जुलाई से खेल शुरू हुए। इसमें रस्सीकूद, कुश्ती जोड़ी गई।
  • 2 माह 10 दिन तक चले खेल 6 चरणों में आयोजित किए गए।
  • खेल 18 से कम, 18-40 व 40 साल से ऊपर, महिला-पुरुष दोनों शामिल।

इसमें गिल्ली-डंडा,गेड़ी दौड़, पिठ्ठुल, संखली, लंगड़ी दौड़, कबड्डी, खो-खो, रस्साकसी, कंचा, बिल्लस, फुगड़ी, भंवरा, 100 मीटर दौड़, लंबीकूद जैसे 14 खेल को छत्तीसगढ़िया ओलिं​पिक में शामिल किए गए थे।

खेलो इंडिया की तर्ज पर खेलो छत्तीसगढ़ ला रही
^छत्तीसगढ़ क्रीड़ा प्रोत्साहन योजना के तहत ही पारंपरिक खेलों का आयोजन किया जाएगा। खेलाे इंडिया की तर्ज पर खेलो छत्तीसगढ़ ला रहे हैं। सारे खेल इसी के तहत प्रोत्साहित होंगे। -टंकराम वर्मा, खेल एवं युवक कल्याण मंत्री

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