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गाजीपुर में बाहुबली जैसा सीन! कंधे पर बेटे को बैठाकर नदी पार कर रहा था पिता, जान देकर लाल को बचा गया; रुला देगी कहानी

जंगीपुर

फिल्म बाहुबली में एक सीन है. राजमाता शिवगामी बाहुबली को लेकर उफनती नदी पार करने की कोशिश करती हैं. कुछ दूर आगे बढ़ने पर शिवगामी नदी में डूबने लगती हैं, लेकिन वे ऊपर हाथ कर बाहुबली को पकड़े रहती हैं. अंत में शिवगामी डूब जाती हैं और बाहुबली बच जाते हैं. यह सीन बेहद भावुक करने वाला है. कुछ ऐसा ही हुआ उत्तर प्रदेश के गाजीपुर में. यहां एक पिता अपने चार साल के बेटे को कंधे पर बैठाकर नदी पार करने की कोशिश में डूब गया. हालांकि, बच्चे की जान बच गई.

जंगीपुर थाना क्षेत्र के ताजपुर गांव के रहने वाले सुरेश बिंद विजयादशमी के दिन घरवालों को दशहरे का मेला दिखाने के लिए नदी पार कर पास के गांव में गए हुए थे. रात को सुरेश बिंद मेला देखकर वापस नदी के घाट पर आए तो देखा कि नाव नहीं है. दरअसल, नाव नदी के उस पार थी. चूंकि, नदी ज्यादा गहरी नहीं थी, इसलिए सुरेश बिंद चार साल के बेटे को कंधे पर बैठाकर नदी पार करने लगे.

कंधे पर बैठाकर नदी पार कर रहे थे
सुरेश बिंद नदी पारकर लगभग उस पार पहुंचने वाले ही थे कि अचानक वह गहरे पानी में चले गए. इस दौरान बेटा उनके कंधे पर ही बैठा रहा. तब सुरेश बिंद नदी में खड़ी एक नाव की रस्सी को पकड़ लिए. लेकिन चूंकि बेटा भी उन्हीं के कंधे पर था, इसलिए कंधे पर भार बढ़ने की वजह से पानी के अंदर उनका दम घुट गया और मौत हो गई.

शव को नदी से बाहर निकाला गया
हालांकि, सुरेश बिंद मरने से पहले बेटे को नाव की रस्सी पकड़ा दिए. बेटा उसी रस्सी के सहारे नाव पर चढ़ गया और उसकी जान बच गई. वहीं, सूचना पाकर पुलिस भी मौके पर पहुंची. एसडीआरएफ की टीम को भी बुलाया गया. एसडीआरएफ की टीम पूरी रात नदी में सुरेश बिंद को ढूंढती रही. सुबह पास के गांव के रहने वाले गोताखोर विजय निषाद को पुलिस ने बुलाया. विजय निषाद ने काफी मशक्कत के बाद सुरेश के शव को पानी से बाहर निकाला.

घरवालों का रो-रोकर बुरा हाल
मृतक सुरेश बिंद मजदूरी करके घर चलाता था. इस घटना से गांव में सन्नाटा पसर गया है. घरवालों का रो-रोकर बुरा हाल है. उनके आंखों से आंसू रुकने का नाम नहीं ले रहे. जंगीपुर थाना अध्यक्ष शैलेंद्र प्रताप सिंह ने बताया कि शव को पोस्टमार्टम के लिए भेजा गया है.

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