चीत्कार और आंसुओं का सैलाब, जीवन भर का दर्द दे गई ‘मौत की शराब’
सरकार की उस शराबबंदी कानून पर सवाल
छपरा
बिहार में छपरा का सदर अस्पताल…यहां रुदन, चीत्कार और आंसुओं का सैलाब बह रहा है. महिलाओं की चीखें अस्पताल की दीवारों को चीरते हुए बिहार सरकार की उस शराबबंदी कानून पर सवाल कर रही हैं, जिसमें दावा किया जाता रहा है कि प्रदेश अब शराबमुक्त हो चुका है. इसी सदर अस्पताल में छपरा के मशरक के पांच युवकों की लाशें पड़ी हैं, जिनके परिजन यह मानने को तैयार ही नहीं कि अब उनके बेटे इस दुनिया में नहीं रहे. वो बस यही कह रहे हैं कि डॉक्टर साहब किसी तरह से उनके बेटे को ठीक कर दें.
बिहार में जहरीली शराब से अबतक 25 मौतें हो चुकी हैं. छपरा के मशरक में मंगलवार-बुधवार को जहरीली शराब पीने से लगभग दो दर्जन लोग बीमार हो गए थे, जिनमें पांच लोगों की मौत की पुष्टि हो गई है. वहीं, सीवान में अवैध शराब पीने से 20 लोगों की मौतें हुई हैं, जिसकी पुष्टि सीवान के एसपी अमितेश कुमार ने की है. घटना के बाद प्रशासन की नींद खुली है और आज सुबह से ही मशरक में जिलाधिकारी सहित अन्य वरिष्ठ अधिकारियों का तांता लगा रहा. छपरा सदर अस्पताल में अभी 24 लोग भर्ती हैं, जिनमें कुछ लोगों की आंखों की रोशनी चली गई है.
सारण में जिन लोगों की जहरीली शराब पीने से तबीयत बिगड़ी है, उनमें अधिकतर मशरक के ब्राहिमपुर गांव के हैं. छपरा सदर अस्पताल में भर्ती मुमताज अंसारी (उम्र 25), शमशाद अंसारी (उम्र 26 वर्ष), राजेन्द्र साह और धर्मेंद्र साह उन लोगों में शामिल हैं, जिनकी आंखों की रोशनी लगभग चली गई है. वहीं ब्राहिमपुर के ही इस्लामुद्दीन (35 वर्ष) की शराब पीने से मौत हो गई है. ये सभी युवा थे, जिनकी उम्र 25 साल से 35 साल के बीच थी. शराबबंदी वाले बिहार में इन युवाओं के हाथों में शराब की बोतलें कहां से आईं, ये सवाल स्थानीय लोग लगातार प्रशासन से पूछ रहे हैं.
शवों को पोस्टमार्टम के लिए भेजा गया
छपरा पुलिस ने पांचों शवों को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया है. परिजन का दावा है कि जहरीली शराब पीने से ही उनके बेटों की आंखों की रोशनी गई है. सूत्रों के मुताबिक, सीएचसी मशरक में उपचार के दौरान एक युवक की मौत हो गई, जिसने ये बात मरने से पहले स्वीकारी थी कि उसकी तबीयत शराब पीने के बाद बिगड़ी. उसने बताया कि गांव में ही पड़ोसी शराब की बोतलें लेकर आया था, इसके बाद दोनों ने उसी शराब का सेवन किया गया था. फिर तबीयत बिगड़ गई थी.
जिन मरीजों की शराब पीने से मौत हुई है, उनमें से कई ने मौत से पहले आंखों की रोशनी कम होने की शिकायत की थी. पहले इन्हें मशरक के ही सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में भर्ती कराया गया, जहां से प्राथमिक उपचार के बाद बेहतर इलाज के लिए सदर अस्पताल छपरा रेफर कर दिया गया. वहीं, सूचना पर सारण के डीएम अमन समीर, एसपी कुमार आशीष, मढ़ौरा एसडीओ डॉ प्रेरणा सिंह, डीएसपी नरेश पासवान और डीएसपी मशरक अमरनाथ दल बल के साथ गांव पहुंचे. यहां उन्होंने परिजन से मुलाकात की.
क्या बोले डीजीपी आलोक राज?
डीजीपी आलोक राज ने बताया कि अब तक कुल 25 लोगों की अवैध शराब पीने से मौत हुई है. सीवान में 20 और सारण में 5 लोगों की मौत हो चुकी है. इस मामले में अब तक 12 लोगों की गिरफ्तारी हो चुकी है. सारण में 3 और सीवान में 9 गिरफ्तारियां हुई हैं. वहीं, इस पूरे मामले में सारण के जिलाधिकारी अमन समीर ने कहा कि जहरीले पदार्थ पीने से लोगों की तबीयत बिगड़ी है. जिस चीज को पीने से लोगों की तबीयत बिगड़ी है, उसमें मिथाइल एल्कोहल की मात्रा अधिक थी.
सीवान में जहरीली शराब पीने से 20 लोगों की मौत हुई है.इस घटना की जांच के लिए एसआईटी का गठन किया गया है. पुलिस ने 8 लोगों पर एफआईआर दर्ज की है. वहीं, तीन की गिरफ्तारी हुई है. बिहार में 1 अप्रैल 2016 को शराबबंदी लागू की गई थी. बावजूद इसके बिहार के कई जिलों में शराब की तस्करी धड़ल्ले से होती रही. ये घटना मंगलवार-बुधवार को हुई. सीवान के एसपी ने इस मामले में एक थानाध्यक्ष को लाइन हाजिर किया है, साथ ही 2 चौकी इंचार्जों को निलंबित कर दिया है.