रायपुर. राज्य में अब तोता समेत अन्य पक्षी पिंजरे में कैद नहीं होंगे. यदि आपने घर पर तोता भी पाला है तो आपको सलाखों के पीछे जाना पड़ सकता है. छत्तीसगढ़ वन महकमे ने अब इस पर सख्ती बरतने का फैसला लिया है. राज्य के मुख्य वन संरक्षक एवं वन बल प्रमुख के निर्देश पर सभी डीएफओ को भेजे गए आदेश में कहा गया है कि कानूनी संरक्षण प्राप्त तोता या अन्य पक्षियों की अवैध बिक्री, खरीदी या घरों में उसके रखरखाव पर रोक लगाई जाए. यह निर्देश राज्य में पक्षियों की धड़ल्ले से चल रही बिक्री की शिकायत के बाद दिया गया है.
राज्यभर के डीएफओ को भेजे गए निर्देश में यह कहा गया है कि वन्य जीव संरक्षण अधिनियम 1972 में हुए संशोधन की अनुसूची में तोता समेत अन्य पक्षियों की खरीदी, बिक्री तथा उसका पालन करना पूर्णतः प्रतिबंधित किया गया है. अधिनियम के प्रावधान का उल्लंघन अपराध की श्रेणी में रखा गया है. इसका उल्लंघन करने वालों के विरुद्ध सजा का प्रावधान भी है.
वन महकमे ने डीएफओ को भेजे गए निर्देश पत्र में इस बात पर भी नाराजगी जाहिर की है कि अधिनियम के प्रावधानों की जानकारी जन सामान्य तक पहुंचाने संबंधी पूर्व में जारी निर्देशों पर अमल नहीं किया गया है. वन महकमे ने डीएफओ को निर्देश दिया है कि तोता समेत अन्य पक्षियों की अवैध बिक्री, खरीदी और उसे पालने संबंधी शिकायत दर्ज करने के लिए विभागीय स्तर पर एक अधिकारी का नाम उसके मोबाइल नंबर सहित जारी किया जाए.